रिसॉर्ट बनाने के लिए जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदेंगे: महाराष्ट्र पर्यटन मंत्री

महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक के पर्यटन मंत्री ने भी कहा है कि उनका राज्य भी जम्मू कश्मीर के पर्यटन उद्योग में प्रवेश करने के बारे में विचार कर रहा है.

A boatman walks past the parked 'Shikaras' or boats for tourists on the banks of Dal Lake in Srinagar August 4, 2019. REUTERS/Danish Ismail

महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक के पर्यटन मंत्री ने भी कहा है कि उनका राज्य भी जम्मू कश्मीर के पर्यटन उद्योग में प्रवेश करने के बारे में विचार कर रहा है.

A boatman walks past the parked 'Shikaras' or boats for tourists on the banks of Dal Lake in Srinagar August 4, 2019. REUTERS/Danish Ismail
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के करीब एक महीने बाद भाजपा शासित महाराष्ट्र और कर्नाटक ने ऐलान किया है कि वे दोनों केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में निवेश करेंगे.

महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को पत्र लिखकर दोनों क्षेत्रों में महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) द्वारा संचालित रिसॉर्ट खोलने की पेशकश की है. राज्य ने रिसॉर्ट्स के लिए भूमि आवंटन के लिए स्थानीय प्रशासन को भी पत्र लिखा है.

महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल ने द वायर को बताया, ‘फिलहाल, हमने इस परियोजना के लिए केवल एक करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. हमारी टीम क्षेत्र में जमीन की पहचान करेगी. इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम एक या दो साल लग सकते हैं.’

रावल ने कहा कि चूंकि एमटीडीसी एक निगम है, इसलिए इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी.

यह दावा करते हुए कि ये स्थानीय लोगों के हित में यह कदम उठाया गया कदम है, रावल ने द वायर को बताया कि दोनों रिसॉर्ट केवल स्थानीय लोगों को ही भर्ती किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘यह कश्मीरी युवाओं के लिए रोजगार उत्पन्न करने का एक शानदार अवसर होगा. इस फैसले के साथ, महाराष्ट्र कश्मीर में जमीन खरीदने का फैसला करने वाला पहला राज्य बन गया है और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा करने वाला पहला राज्य है.’

रावल के इस घोषणा करने के तुरंत बाद, कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सीटी रवि ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया कि उनका राज्य भी जम्मू कश्मीर के पर्यटन उद्योग में प्रवेश करने के बारे में विचार कर रहा है.

उन्होंने लिखा, ‘एक तरफ हम कर्नाटक में पर्यटन उद्योग को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं हम जम्मू और कश्मीर पर्यटन में प्रवेश करने के बारे में भी विचार कर रहे हैं. कर्नाटक की कला, वास्तुकला, संस्कृति और परंपराओं को भारत के ताज में प्रदर्शित किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप दोनों राज्यों के लिए जीत की स्थिति होगी.’