अनुच्छेद 370 हटने के बाद श्रीनगर के सौरा में हुए एक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ यह युवक पैलेट लगने से घायल हो गया था. हालांकि सेना का कहना है कि युवक की मौत पैलेट से लगी चोट से नहीं बल्कि पथराव से हुई है.
श्रीनगरः केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों में घायल श्रीनगर के युवक की मौत हो गई है.
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक श्रीनगर में कक्षा ग्यारहवीं का छात्र था. वह केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के एक दिन बाद छह अगस्त को सौरा में हुए विरोध प्रदर्शनों में शामिल था, जिस दौरान पैलेट लगने से वह घायल हो गया था.
युवक की मौत के बाद श्रीनगर के कई हिस्सों में दोबारा प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, 18 साल के असरार अहमद खान की आंख में पैलेट से चोट लगी थी और उसे इलाज के लिए शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस) में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार रात उसने दम तोड़ दिया.
हालांकि, सेना ने पैलेट गन लगने से युवक की मौत से इनकार किया है. बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल केजीएस ढिल्लों ने कहा कि युवक की मौत पथराव से हुई थी.
उन्होंने कहा, ‘जिस युवक की हाल ही में मौत हुई है, उसकी मौत पैलेट लगने से नहीं हुई है. उसकी मौत पथराव की वजह से हुई है. यह आपको निर्धारित करना है कि कौन किसको मारने की कोशिश कर रहा है. बीते 30 दिनों में पांच लोगों की मौत हुई है लेकिन किसी भी मौत के लिए हम जिम्मेदार नहीं है. कुछ की पत्थरबाजी की वजह से मौत हुई और कुछ की संघर्ष विराम के दौरान. यह शांति की सबसे लंबी अवधि है, जिसे जम्मू कश्मीर ने लंबे समय बाद अनुभव किया है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में 80 लोगों को पैलेट गन से चोट लगी है.
14 अगस्त को जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा था कि राज्य से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मद्देनजर लगे प्रतिबंधों के दौरान श्रीनगर में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कुछ लोगों को पैलेट गन से चोटें लगी थीं.
पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक मुनीर खान ने तब कहा था, ‘श्रीनगर और अन्य हिस्सों में कुछ स्थानीय घटनाएं हुई हैं, जिन पर काबू पा लिया गया है. किसी को कोई बड़ी चोट नहीं लगी है. कुछ लोग पैलेट लगने से घायल हुए हैं, जिनका इलाज करके वापस भेजा गया है.’
बुधवार को हुई इस युवक की मौत के बाद श्रीनगर और सिविल लाइन्स क्षेत्र में दोबारा प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.
इससे पहले 29 अगस्त को आयी एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि कश्मीर घाटी में 5 अगस्त के बाद 36 लोग पैलेट गन से घायल हुए थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी थी कि यह आंकड़ा श्रीनगर के अस्पताल प्रशासन द्वारा दिए गए रिकार्ड्स पर आधारित है.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद पिछले हफ्ते पहली बार राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने संवाददाताओं से बात करते हुए यह स्वीकार किया था कि कश्मीर घाटी में प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा था कि इस बात का ध्यान रखा गया कि लोगों को चोट न पहुंचे, इसके लिए अत्यंत सावधानी बरती गई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)