सेना के मेजर लीतुल गोगोई को आतंकवाद विरोधी अभियान में ‘निरंतर प्रयास’ करने के लिए पुरस्कृत किया गया है.
मेजर लीतुल गोगोई को ऐसे समय में सेना प्रमुख के ‘कमेंडेशन कार्ड’ से सम्मानित किया जाना इस बात का संकेत है कि उनके खिलाफ एक कश्मीरी युवक को जीप के बोनट से बांधने के मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में शायद उन्हें दोषी नहीं माना जाएगा.
मेजर गोगोई को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की हाल की जम्मू कश्मीर यात्रा के दौरान सम्मानित किया गया.
सैन्य प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि मेजर लीतुल गोगोई को आतंकवाद विरोधी अभियान में ‘निरंतर प्रयास’ करने के लिए ‘कमेंडेशन कार्ड’ से सम्मानित किया गया है.
सेना की ओर से बताया गया कि सम्मानित करते वक्त उनके बेहतरीन योगदान और कोर्ट ऑफ इन्कवायरी से मिले संकेत को ध्यान में रखा गया है.
गौरतलब है कि श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए नौ अप्रैल को हुए उपचुनाव में सेना के एक वाहन में एक व्यक्ति को बांधे हुए दिखाए जाने वाले वीडियो के वायरल होने पर सार्वजनिक आलोचना शुरू हो गई जिसके बाद सेना ने एक जांच गठित की थी.
सेना की जीप में बंधे व्यक्ति की पहचान फ़ारूक़ अहमद के रूप में हुई थी जबकि इसमें शामिल सैन्य इकाई की पहचान 53 राष्ट्रीय राइफल्स के रूप में हुई थी. सेना का कहना था कि फ़ारूक़ एक पत्थरबाज़ हैं, जबकि फ़ारूक़ ने इस बात का खंडन किया था. उनके अनुसार उस वक़्त मतदान देकर लौट रहे थे. मामले में फिलहाल सेना के एक मेजर के ख़िलाफ़ कोर्ट आॅफ इंक्वायरी (सीओआई) चल रही है.
बाद में इस घटना को लेकर जम्मू कश्मीर पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज की थी. लेकिन अभी तक एफआईआर के बाद क्या कार्रवाई हुई है इसका कुछ पता नहीं चल पाया है.
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)