दक्षिणी कश्मीर में सेना ने लगाए अनुच्छेद 370 हटने से फायदे के पोस्टर

पोस्टरों के बारे में पूछे जाने पर 4 सितंबर को लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा था कि यहां कोई संगठित अभियान नहीं चल रहा है.

Jammu: CRPF personnel stand guard during restrictions, at Raghunath Bazar in Jammu, Monday, Aug 05, 2019. Restrictions and night curfews were imposed in several districts of Jammu and Kashmir as the Valley remained on edge with authorities stepping up security deployment. (PTI Photo)(PTI8_5_2019_000091B)
जम्मू-कश्मीर (फाइल फोटो: पीटीआई)

पोस्टरों के बारे में पूछे जाने पर 4 सितंबर को लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा था कि यहां कोई संगठित अभियान नहीं चल रहा है.

Jammu: CRPF personnel stand guard during restrictions, at Raghunath Bazar in Jammu, Monday, Aug 05, 2019. Restrictions and night curfews were imposed in several districts of Jammu and Kashmir as the Valley remained on edge with authorities stepping up security deployment. (PTI Photo)(PTI8_5_2019_000091B)
जम्मू-कश्मीर (पोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद सेना ने दक्षिणी कश्मीर के कुछ हिस्सों में स्थानीय लोगों को अनुच्छेद 370 हटने से होने वाले फायदे समझाने के लिए पोस्टर लगाए और उन्हें बांटे.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जब लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन से पूछा गया कि यह प्रचार अभियान सेना चला रही है या फिर केंद्र सरकार के निर्देश पर हो रहा है तब उन्होंने 4 सितंबर को एक प्रेस कॉ़न्फ्रेंस में कहा, ‘यहां कोई संगठित अभियान नहीं चल रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘इलाके के फायदे के लिए पिछले 30 सालों से सेना यहां पर सद्भाव लाने की कोशिश में लगी हुई है, जिसके तहत उसने लोगों को प्रभावित करने वालों मौलवियों, शिक्षकों, छात्रों और सरपंचों से चर्चा की है.’

पुलवामा के अरीहल में स्थानीय लोगों ने एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर उर्दू में लगे पोस्टर दिखाए. इन पोस्टरों में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को राज्य से हटाने के फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया है.

इन लाभों का उल्लेख स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, संपत्ति के अधिकार और आरटीआई की श्रेणियों के तहत किया गया था. इसने केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे आयुष्मान योजना के विस्तार और मिड-डे मील जैसी पहलों के लाभों को सूचीबद्ध किया.

पोस्टर में लिखा है, ‘नए कोचिंग सेंटर और प्राइवेट स्कूल बनेंगे. नए होटल बनेंगे. मरकज की निगरानी में रहने का माहौल अच्छा होगा. जमीन की कीमत बढ़ेगी.’

इसमें नई फैक्टरियों के लगने और स्थानीय लोगों को नौकरी मिलने की भी बात कही गई है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि बाहर शादी करने वाली राज्य की महिलाओं का उनके संपत्ति पर अधिकार बना रहेगा.

अरीहल चौराहे के दुकानदार जहूर अहमद ने कहा, ‘विशेष दर्जा खत्म किए जाने के कुछ दिन बाद सेना आई और उसने हमें ये फोटोकॉपी पकड़ा दी. उन्होंने दीवारों पर भी पोस्टर चिपका दी. उन्होंने हमें समझाने की कोशिश की कि यह हमारे लिए क्यों जरूरी है.’

एक अन्य स्थानीय व्यक्ति इशफाक फिरोज ने कहा कि पोस्टरों को बांटने के दौरान सेना ने कहा कि हम अपने सेब का व्यापार पूरी आजादी से अन्य राज्यों के साथ कर सकेंगे.

जहां अधिकतर पोस्टरों को लोगों ने उतार दिया है, वहीं कुछ पोस्टर खाली बिल्डिंगों या बंद दुकानों पर अभी भी लगे हुए हैं.