जुलाई में अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्देश के बाद पाकिस्तान ने जाधव को राजनयिक पहुंच दी थी, जिसके बाद दो सितंबर को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के प्रभारी गौरव अहलूवालिया ने जाधव से मुलाकात की थी.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को भारत को कुलभूषण जाधव तक दूसरी बार राजनयिक पहुंच मुहैया कराने से इनकार कर दिया. जाधव को कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है.
49 वर्षीय भारतीय नागरिक जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और ‘जासूसी तथा आतंकवाद’ के आरोप में पाकिस्तान ने 2017 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत ने उनकी मौत की सजा पर रोक तथा आगे के उपायों के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से संपर्क किया था.
पाकिस्तान ने जुलाई में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के निर्देश के बाद जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान की थी और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के प्रभारी गौरव अहलूवालिया ने जाधव से दो सितंबर को दो घंटे तक मुलाकात की थी.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मुलाकात के बाद कहा था कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के अपुष्ट दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के भीषण दबाव में दिख रहे थे.
बृहस्पतिवार को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने जाधव को फिर से राजनयिक पहुंच देने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘कोई और बैठक नहीं होनी है.’
पाकिस्तान का दावा है कि ईरान से कथित तौर पर घुसने के बाद उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. हालांकि भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उनके व्यापारिक हित थे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी घोषणा की कि करतारपुर गलियारे के लिए पाकिस्तान प्रति व्यक्ति 20 डॉलर सेवा शुल्क के रूप में लेगा. फैसल ने कहा, ‘पाकिस्तान प्रति व्यक्ति 20 डॉलर सेवा शुल्क के रूप में लेगा, करतारपुर गलियारे के लिए प्रवेश शुल्क के तौर पर नहीं.’