तेदेपा के वरिष्ठ नेता और आंध्र प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कोडेला शिव प्रसाद राव का सोमवार को निधन हो गया था. ऐसी आशंका है कि उन्होंने आत्महत्या की है.
हैदराबाद: तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख के चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कोडेला शिव प्रसाद राव के कथित आत्महत्या मामले को ‘हत्या’ करार देते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की.
नायडू ने कहा कि उन घटनाक्रमों की सीबीआई से जांच करायी जानी चाहिए जिनकी वजह से ऐसा हुआ. मालूम हो कि तेदेपा के वरिष्ठ नेता और आंध्र प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कोडेला शिव प्रसाद राव की सोमवार को अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी. ऐसी आशंका जताई गई थी कि उन्होंने आत्महत्या की है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक नायडू ने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने छह बार विधायक रहे राव को प्रताड़ित किया, जिसके चलते उन्होंने ऐसा कदम उठाया.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी नेता ने सरकार की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या कर ली हो. मैंने अपने करिअर में 11 मुख्यमंत्री देखे हैं और मैंने खुद सालों तक यह पद संभाला है. मैंने कभी ऐसा मुख्यमंत्री (जगनमोहन रेड्डी) नहीं देखा. यह मामला (आत्महत्या) और कुछ नहीं बल्कि सरकार द्वारा की गयी हत्या है.’
राव की मौत के लिए प्रदेश की वाईएस जगनमोहन रेड्डी की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए नायडू ने कहा, ‘उन्होंने राव को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से भी परेशान किया. अपने 40 वर्षों के राजनीतिक करिअर में मैंने इस तरह का उत्पीड़न नहीं देखा. उन्होंने राव के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की, उनका अपमान किया, उनको शर्मिंदा किया और आखिरकार उन पर और उनके परिवार पर ढेरों मुकदमे दर्ज कर दिए.’
मालूम हो कि राव का स्पीकर के रूप में कार्यकाल में विवादों में घिरा रहा था. उन पर आरोप भी लगा था कि हैदराबाद से अमरावती राजधानी बनने के बाद हुई शिफ्टिंग में उन्होंने आंध्र प्रदेश विधानसभा से 1 करोड़ रुपये का फर्नीचर अपने निजी दफ्तर और गुंटूर स्थित घर भिजवाया था.
इसके बाद उनके बेटे शिवराम पर स्किल डेवलपमेंट सेंटर के लैपटॉप चोरी करने का आरोप लगा था, जिन्हें शिवराम ने वापस लौटाया था.
नायडू ने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस सरकार को राव की मौत पर जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘राव ने सरकार के उत्पीड़न और अपमान के चलते आत्महत्या की है. अब उन्हें जवाब देना ही होगा. पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. देश के बुद्धिजीवियों को सरकार के रवैये पर बहस करनी चाहिए.’
चश्मदीदों के मुताबिक राव द्वारा आत्महत्या किए जाने का संदेह है. पेशे से डॉक्टर रहे राव के परिवार में उनकी पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री हैं. राव 2014-19 तक आंध्र प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे थे.
पिछले विधानसभा चुनावों में उन्हें गुंटूर जिले के सात्तेनापल्ली से हार मिली. उससे पहले वह गुंटूर जिले से छह बार विधानसभा के लिये निर्वाचित हो चुके थे. वह तेदेपा से उसकी स्थापना के वक्त से ही जुड़े हुए थे.
पुलिस को आत्महत्या का संदेह
पश्चिमी जोन के पुलिस उपायुक्त एआर श्रीनिवास और अस्पताल ने बताया कि राव को सुबह करीब 11 बजे उनके आवास से बेहोशी की हालत में बसावताराकम इंडो-अमेरिकन कैंसर अस्पताल लाया गया था, जहां उन्हें होश में लाने की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी मृत्यु हो गयी.
श्रीनिवास ने यह भी कहा कि प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार राव ने शायद आत्महत्या की है, हालांकि इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही हो सकती है.
उपायुक्त ने कहा, ‘परिवार के सदस्यों का कहना है कि पिछले कुछ दिन से वह तनाव मे थे, लेकिन किसी को उसकी वजह पता नहीं है.’ उन्होंने यह भी कहा कि कोई सुसाइड नोट (पत्र) नहीं मिला है. एसीपी रैंक के एक अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)