इससे पहले झारखंड पुलिस ने तबरेज़ अंसारी की मॉब लिंचिंग मामले के 11 आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र में हत्या की धारा 302 के स्थान पर गैर इरादतन हत्या की धारा 304 लगा दी थी.
रांची: झारखंड के सरायकेला में तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने बुधवार को अदालत में फिर से एक नया आरोपपत्र दाख़िल किया है. इसमें आरोपियों के खिलाफ फिर से हत्या की धारा 302 जोड़ दी गई है, जिसे आठ दिन पहले हटाकर धारा 304 में तब्दील किया गया था.
एनडीटीवी के अनुसार, नए मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने सभी 11 आरोपियों पर फिर से धारा 302 का आरोप लगा दिया है. इससे पहले तबरेज़ की पत्नी शाइस्ता ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी और इंसाफ़ नहीं मिलने पर ख़ुदकुशी की धमकी दी थी.
राज्य के पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सरायकेला-खरसांवा की अदालत में पुलिस ने इन 11 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किए. इसके अलावा आज ही इस मामले के दो अन्य आरोपियों विक्रम मंडल और अतुलमहली के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किए और उनके खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के साथ हत्या की धारा 302 के तहत मामला बनाया गया है.
सरायकेला-खरसावाँ जिला मॉब लिंचिंग कांड में सरायकेला पुलिस द्वारा अग्रतर अनुसंधान में संकलित साक्ष्य के आधार पर 302 भा०द०वि० के तहत पूरक आरोप-पत्र समर्पित। pic.twitter.com/IAoCeKkktN
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) September 18, 2019
पुलिस ने बताया कि महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर (एमजीएमअस्पता) के विशेषज्ञों की राय मिलने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ फिर से आरोप पत्र में 302 लगाने का निर्णय लिया गया, क्योंकि उनकी रिपोर्ट में कहा गया था कि तबरेज को दिल का दौरा उसे हड्डियों में लगी चोट और हृदय में खून एकत्रित होने के कारण पड़ा था.
इससे पहले अपराध विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में तबरेज की मौत का कारण सिर्फ दिल का दौरा पड़ना बताया गया था, जिसके आधार पर पुलिस ने इस मामले में पहले 11 आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में हत्या की धारा 302 के स्थान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 लगाई थी. इस धारा का आशय था कि हत्या गैर इरादतन थी.
बता दें कि इस साल 18 जून को झारखंड के सरायकेला-खरसावां में बाइक चोरी के आरोप में भीड़ की पिटाई के एक सप्ताह बाद 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी. पुलिस ने उसकी पत्नी शाइस्ता की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत 13 नामजद लोगों में से 11 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. दो अन्य आरोपियों के खिलाफ अभी भी जांच जारी है.
तबरेज पूना में वेल्डर का काम करता था और घटना के समय अपने गांव आया हुआ था. सरायकेला खरसांवा के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने उस समय बताया था कि इस मामले की जांच में पुलिस ने जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखी तो उसमें तबरेज की मौत हृदय गति रुकने के कारण हुई बताई गई थी.
बता दें कि, अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने तबरेज की भीड़ द्वारा हत्या की कड़ी निंदा की थी और सरकार से इस तरह की हिंसा और भय के माहौल को रोकने के लिये ठोस कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.