एक भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा: मोहन भागवत

असम में 31 अगस्त को जारी हुई एनआरसी की अंतिम सूची में 19 लाख से ज्यादा आवेदकों के नाम नहीं हैं, जिनमें 12 लाख से अधिक हिंदू शामिल हैं.

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New Delhi: RSS chief Mohan Bhagwat speaks on the last day at the event titled 'Future of Bharat: An RSS perspective', in New Delhi, Wednesday, Sept 19, 2018. (PTI Photo) (PTI9_19_2018_000185B)
मोहन भागवत. (फाइल फोटो: पीटीआई)

असम में 31 अगस्त को जारी हुई एनआरसी की अंतिम सूची में 19 लाख से ज्यादा आवेदकों के नाम नहीं हैं, जिनमें 12 लाख से अधिक हिंदू शामिल हैं.

New Delhi: RSS chief Mohan Bhagwat speaks on the last day at the event titled 'Future of Bharat: An RSS perspective', in New Delhi, Wednesday, Sept 19, 2018. (PTI Photo) (PTI9_19_2018_000185B)
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत. (फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से लोगों के बाहर होने को लेकर लोगों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत कहा कि एक भी हिंदू को देश छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा.

माना जा रहा है कि भागवत ने यह टिप्पणी संघ और भाजपा समेत उससे जुड़े संगठनों की बंद दरवाजे के पीछे हुई समन्वय बैठक के दौरान की.

समन्वय बैठक के बाद संघ के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘मोहन भागवतजी ने स्पष्ट कहा कि एक भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि दूसरे राष्ट्रों में प्रताड़ना और कष्ट सहने के बाद भारत आए हिंदू यहीं रहेंगे.’

द टेलीग्राफ के अनुसार, भागवत ने आगे कहा, ‘एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल नहीं किए गए हिंदुओं को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. आरएसएस उनके साथ खड़ा है. देश में कहीं भी रह रहे हिंदुओं को एनआरसी के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.’

असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की 31 अगस्त को जारी हुई अंतिम सूची में 19 लाख से ज्यादा आवेदकों के नाम नहीं हैं. इन 19 लाख लोगों में 12 लाख से अधिक हिंदू शामिल हैं.

संघ के सूत्रों के मुताबिक बैठक में मौजूद कुछ नेताओं ने पश्चिम बंगाल में एनआरसी की कवायद शुरू करने से पहले राज्य में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लागू करने की जरूरत को भी रेखांकित किया.

बैठक में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘बंगाल में पहले नागरिकता संशोधन विधेयक लागू होगा और इसके बाद एनआरसी लाई जाएगी. राज्य के हिंदुओं को इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है.’

राजस्थान में इस महीने के शुरू में संघ की तीन दिवसीय वार्षिक समन्वय बैठक के दौरान यह चिंता व्यक्त की गई थी कि ‘असम में एनआरसी की अंतिम सूची में कई वास्तविक लोग छूट गए थे जिनमें से अधिकतर हिंदू थे.’ भागवत का यह बयान इसी चिंता की पृष्ठभूमि में आया है.

भागवत 19 सितंबर को कोलकाता पहुंचे थे. यह समन्वय बैठक दो दिन चलेगी.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल भी इस बैठक में शामिल हुआ.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)