अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में एक रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर का भारत में ‘एकीकरण नहीं करने’ को लेकर नेहरू की आलोचना की.
मुंबई: पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर ‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर’ को अस्तित्व में लाने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि अगर उन्होंने बेवक्त पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम की घोषणा नहीं की होती तो यह अस्तित्व में ही नहीं आता.
शाह ने कश्मीर का भारत में ‘एकीकरण नहीं करने’ को लेकर नेहरू पर हमला करते हुए कहा कि इस मुद्दे को नेहरू के बदले देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को अपने हाथों में लेना चाहिए था.
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के केंद्र के फैसले और अगले महीने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुंबई में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘कांग्रेस अनुच्छेद 370 की समाप्ति के पीछे राजनीति देखती है जबकि भाजपा इस तरह से नहीं सोचती है.’
Union Home Minister Amit Shah in Mumbai: I congratulate Prime Minsiter Modi's bravery and grit. He removed Article 370 & 35A in the very first session of the Parliament as soon as we formed the govt for the second time with 305 seats. pic.twitter.com/oFjM933OFT
— ANI (@ANI) September 22, 2019
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर अस्तित्व में ही नहीं आता अगर नेहरू ने बेवक्त पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम की घोषणा नहीं की होती. नेहरू के बदले सरदार पटेल को यह मुद्दा अपने हाथ में लेना चाहिए था.’
शाह ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद कश्मीर में एक भी गोली नहीं चलाई गई है.’ उन्होंने कहा कि कश्मीर में कोई अशांति नहीं है और आने वाले दिनों में ‘आतंकवाद समाप्त हो जाएगा.’
बिना किसी का नाम लिए हुए शाह ने कहा कि कश्मीर में जिन तीन वंशों ने शासन किया, उन्होंने वहां भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो भी स्थापित नहीं करने दिया.
उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में जो लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. उन्हें ठंड में भी पसीने छूट रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को यह बताना चाहिए कि वह अनुच्छेद 370 की समाप्ति के पक्ष में हैं या इसका विरोध करते हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के बाद देवेंद्र फड़णवीस दोबारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे. राज्य में एक चरण में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा और परिणाम की घोषणा 24 अक्टूबर को होगी.