रिज़र्व बैंक ने महाराष्ट्र के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर खामियों को लेकर कुछ पाबंदियां लगाई हैं. इसके तहत जमाकर्ताओं के लिए छह महीने में सिर्फ 1,000 रुपये निकालने की सीमा तय की गई है.
मुंबई: रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) पर नियामकीय यानी रेगुलेटरी खामियों को लेकर कुछ पाबंदियां लगाई हैं.
इसके तहत जमाकर्ताओं (डिपॉजिटर्स) के लिए छह महीने में सिर्फ 1,000 रुपये निकासी की सीमा तय की गई है. इसको लेकर जमाकर्ताओं के निकाय आल इंडिया बैंक डिपॉजिटर्स एसोसिएशन (एआईबीडीए) ने मंगलवार को जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण पर चिंता जताई.
पीएमसी पर इसके अलावा नया कर्ज देने और जमा लेने की भी रोक लगाई गई है. ग्राहकों को सबसे अधिक चिंता छह महीने में प्रति ग्राहक 1,000 रुपये की निकासी की सीमा को लेकर है. इसमें एटीएम से लेनदेन और आनलाइन बैंकिंग भी शामिल है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील भंडारे ने पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं के मूल्य को बचाने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदम की सराहना की. लेकिन साथ ही उन्होंने 1,000 रुपये की निकासी की सीमा को लेकर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा कि बैंक में लोगों की मेहनत की कमाई जमा है. कई लोगों ने अपने परिवार के नियमित खर्च का पैसा खाते में जमा किया है. कुछ की जीवन भर की बचत पीएमसी के खाते में जमा है.
भंडारे ने कहा कि सहकारी बैंकों में वरिष्ठ नागरिक, मध्यम वर्ग के परिवार अपना पैसा जमा कराते हैं क्योंकि इन बैंकों में कुछ ऊंचा ब्याज मिलता है. उन्होंने रिजर्व बैंक से कहा कि वह 1,000 रुपये की निकासी की सीमा में ढील दे जिससे जमाकर्ताओं का भरोसा कायम हो सके.
सुनील भंडारे कहा कि जमाकर्ताओं को एक लाख रुपये तक की राशि निकालने की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम के तहत इस सीमा तक बीमा कवर उपलब्ध है इसलिए इतनी राशि निकालने की अनुमति दी जा सकती है.
मार्च 2019 के अंत में पीएमसी बैंक में 11,617 करोड़ रुपये के जमा और 8,383 करोड़ रुपये के एडवांसेस के साथ 20,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ. पीएमसी बैंक के दिल्ली समेत 137 शाखाएं हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)