बीते 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश में रायबरेली के पास सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल उन्नाव रेप पीड़िता को मंगलवार देर शाम एम्स से छुट्टी दे दी गई. सुरक्षा कारणों से अदालत ने पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में ही रहने का आदेश दिया. इस मामले में भाजपा से निष्कासित किए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं.
नई दिल्ली: उन्नाव रेप पीड़िता को राष्ट्रीय राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से छुट्टी मिल गई है. मंगलवार देर शाम उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. कोर्ट के निर्देश पर अगले सात दिनों के लिए पीड़िता और उसके परिवार के लिए एम्स परिसर के ही एक हॉस्टल में रहने की व्यवस्था की गई है. परिजनों ने अदालत को बताया था कि उनके गांव जाने पर उनकी जान को खतरा है.
पीड़िता को 28 जुलाई को एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था और उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पीड़िता के परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा मुहैया कराई गई है.
वह दिल्ली में ही अपने परिवार के साथ रहेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि उन्हें अपने गृह राज्य में खतरे की आशंका है, इसलिए परिवार राष्ट्रीय राजधानी में ही रहेगा.
पीड़िता ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर 2017 में बलात्कार का आरोप लगाया था, तब वह नाबालिग थी. उसके बाद पीड़िता के पिता को तीन अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया गया था और नौ अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में उनकी मौत हो गई थी. फिलहाल कुलदीप सेंगर जेल में हैं.
इस मामले में सेंगर और सह-अभियुक्त शशि सिंह के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है.
एनडीटीवी खबर के मुताबिक तीस हजारी कोर्ट का आदेश है कि पीड़िता को डिस्चार्ज होने के बाद अगले सात दिनों तक ट्रामा सेंटर हॉस्टल में रहने की अस्थाई व्यवस्था की जाए. पीड़िता यहां अपने परिवार के सदस्यों- मां, दो बहन और एक भाई के साथ रहेगी.
गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को एम्स में भर्ती उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उसके परिवार को वहां किसी सुरक्षित स्थान पर या पड़ोसी राज्य में भेजने के संबंध में उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक यूपी सरकार पीड़िता और उसके परिवार के खर्च को वहन करे. वहीं मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को होगी.
गौरतलब है कि 28 जुलाई को पीड़िता, अपनी चाची, मौसी और अपने वकील महेंद्र के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा महेश सिंह से मुलाकात करने जा रही थी. रास्ते में रायबरेली के पास उनकी कार और एक ट्रक के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में टक्कर हो गई थी. इस हादसे में मौसी और चाची (महेश सिंह की पत्नी) की मौत हो गई थी. वहीं, पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते अगस्त महीने में पीड़िता को इलाज के लिए लखनऊ से नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्नाव बलात्कार मामले से जुड़े सभी पांच मामले दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर किए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली सड़क हादसे के जांच के लिए सीबीआई को और दो हफ्ते का दिया समय
सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली सड़क हादसे मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को और दो हफ्ते का समय दिया है.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को सीबीआई की अर्जी पर विचार किया जिसमें यह कहा गया था कि एजेंसी को जांच पूरी करने के लिए और समय चाहिए.
पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह की हालत अभी भी गंभीर है और वो होश में नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि जांच पूरी करने के लिए उनका बयान होना जरूरी है.
पीठ ने इन दलीलों के आधार पर जांच एजेंसी को कहा है कि वो दो सप्ताह में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करें. इससे पहले भी अदालत ने 19 अगस्त को सीबीआई की उस अर्जी पर विचार किया था जिसमें इस मामले की जांच पूरी करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा गया था, बाद में पीठ ने दो सप्ताह का समय और दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)