मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत की याचिका को चुनौती देते हुए ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. वाड्रा का कहना है कि उनके ख़िलाफ़ आरोपों के समर्थन में ईडी के पास कोई सबूत नहीं है.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाईकोर्ट से बृहस्पतिवार को कहा कि रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि ‘धन के लेन-देन की कड़ियों’ से कथित रूप से उनका सीधा संबंध है.
ईडी ने जस्टिस चंद्रशेखर के सामने कहा कि वाड्रा अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. हालांकि वाड्रा के वकील ने ईडी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि एजेंसी जब भी उनके मुवक्किल को बुलाती है, वह उसके सामने पेश होते हैं और उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है.
वकील ने यह भी कहा कि ईडी ने जो प्रश्न किए, उनके मुवक्किल ने उनका उत्तर दिया और उन पर लगाए गए आरोपों को ‘स्वीकार नहीं करने’ का यह अर्थ नहीं है कि वह सहयोग नहीं कर रहे हैं.
दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले पर अंतिम बहस के लिए पांच नवंबर की तिथि तय की. वाड्रा पर लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर स्थित 17 करोड़ रुपये की संपत्ति की खरीदारी में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
मालूम हो कि निचली अदालत ने वाड्रा को अग्रिम जमानत दे दी थी, जिसे ईडी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.
वाड्रा ने उनकी अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका का विरोध किया था. वाड्रा ने अपने जवाब में कहा कि इस तरह का कोई उदाहरण नहीं है जब उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया हो और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का भी कोई अंदेशा नहीं है, क्योंकि ईडी उनके पास से मामले से संबंधित सभी दस्तावेजों को पहले ही जब्त कर चुकी है.
उन्होंने यह भी दावा किया था कि ईडी बेमतलब की जांच कर रही है और उसके पास उनके खिलाफ आरोपों के समर्थन में कुछ भी सामग्री नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)