पीएमसी मामला: ग्राहकों ने बैंक अधिकारियों के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों की ओर से बैंक के चेयरमैन और उसके निदेशकों के ख़िलाफ़ जनता के धन का गबन करने की शिकायत दर्ज कराई गई है.

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People wait outside a PMC (Punjab and Maharashtra Co-operative) Bank branch to withdraw their money in Mumbai, India, September 25, 2019. REUTERS/Francis Mascarenhas

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों की ओर से बैंक के चेयरमैन और उसके निदेशकों के ख़िलाफ़ जनता के धन का गबन करने की शिकायत दर्ज कराई गई है.

People wait outside a PMC (Punjab and Maharashtra Co-operative) Bank branch to withdraw their money in Mumbai, India, September 25, 2019. REUTERS/Francis Mascarenhas
मुंबई में बैंक की एक शाखा के बाहर जमा ग्राहक. (फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: संकट में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के कई खाताधारकों ने बैंक के अधिकारियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को पुलिस में सामूहिक शिकायत दर्ज कराई है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ग्राहकों की ओर से बैंक के चेयरमैन और उसके निदेशकों के खिलाफ जनता के धन का गबन करने की शिकायत दर्ज कराई गई है.

बैंक के खाताधारकों का एक प्रतिनिधिमंडल मध्य मुंबई के सियान पुलिस स्टेशन और बैंक अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पीएमसी बैंक के चेयरमैन और उसके सभी निदेशकों सहित कम से कम 14 लोगों ने खाताधारकों के धन का गबन किया है. खाताधारकों ने अपनी शिकायत में इस बारे में उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है.’

खाताधारकों ने कहा है कि शिकायत में जिन लोगों का नाम है, उनका पासपोर्ट जब्त किया जाए जिससे वे देश छोड़कर नहीं जा सकें. इसके अलावा खाताधारको ने बैंक के चेयरमैन और निदेशकों से ग्राहकों के धन के गबन पर स्पष्टीकरण देने को भी कहा है.

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमें पीएमसी बैंक के खाताधारकों से लिखित शिकायत मिली है. शिकायत की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.’

बता दें कि रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक पर नियामकीय खामियों के चलते कई पाबंदियां लगाई हैं. रिजर्व बैंक ने छह महीने के लिए पीएमसी के खाताधारकों की निकासी की सीमा 1,000 रुपये तय की है.

इसके अलावा इस अवधि में बैंक द्वारा नया कर्ज देने पर भी रोक लगाई गई है. बैंक के पास 11,000 करोड़ रुपये का सार्वजनिक जमा है.

साथ ही रिजर्व बैंक ने पीएमसी के प्रबंधन को भंग कर दिया है और छह महीने के लिए पीएमसी के कामकाज के लिए प्रशासक नियुक्त किया है.

इस बीच बैंक के कर्मचारियों ने गुरुवार को मुंबई में एचडीआईएल के मालिक के घर के सामने प्रदर्शन किया है. दिवालिया हो चुकी इस कंपनी ने पीएमसी से 2,500 करोड़ का क़र्ज़ लिया है, जिसे चुकाया नहीं है. रिज़र्व बैंक द्वारा पीएमसी पर हुई कार्रवाई की वजह यही है.

एचडीआईएल मौजूदा संकट की एकमात्र वजह: निलंबित एमडी

पीएमसी के निलंबित प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने बुधवार शाम समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ साक्षात्कार में कहा कि बैंक के सभी ऋण सुरक्षित हैं. सिर्फ एक बड़ा खाता एचडीआईएल मौजूदा संकट की एकमात्र वजह है.

बता दें कि एचडीआईएल एक रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी है, जिसे जल्द ही दिवालिया घोषित जाएगा.

अमर उजाला की खबर के अनुसार वधावन समूह के स्वामित्व वाली इस कंपनी के निदेशकों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी हो चुका है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मंगलवार को कंपनी के निदेशकों को समन जारी करते हुए पेश होने को कहा है.

एचडीआईएल का खाता पीएमसी बैंक में है और कंपनी ने बैंक से लगभग 2,500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, जिसे चुकाया नहीं गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बार-बार किश्त के डिफॉल्ट होने के बावजूद बैंक ने न तो इस खाते को एनपीए में डाला और न ही रिज़र्व बैंक को इसके बारे में जानकारी दी. आरबीआई का नियम है कि ऐसे खाते को एनपीए में रखा जाना चाहिए.

समाचार एजेंसी पीटीआई का कहना है कि उनके कई बार प्रयास के बावजूद एचडीआईएल से संपर्क नहीं हो पाया. एजेंसी से बात करते हुए थॉमस ने यह नहीं बताया कि एचडीआईएल पर पीएमसी का कितना कर्ज बकाया है. उन्होंने कहा कि यह कर्ज पूरी तरह सुरक्षित या गारंटी वाला है.

उन्होंने कहा कि एचडीआईएल बैंक का सबसे बड़ा और पुराना ग्राहक है. उन्होंने कहा कि बैंक के अन्य सभी खाते सुरक्षित हैं. थॉमस ने कहा कि सभी कर्ज पूरी तरह सुरक्षित हैं और ग्राहकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

थॉमस ने कहा, ‘हमारे पास पर्याप्त नकदी है. साथ ही हमने जो कर्ज दिया है उसके एवज में वैकल्पिक प्रतिभूतियां हैं. हम बिना गारंटी कोई कर्ज नहीं देते और हमारा ऋण कवरेज अनुपात हमेशा 100-110 प्रतिशत रहा है.’

रिजर्व बैंक द्वारा पीएमसी पर कार्रवाई की प्रमुख वजह बैंक द्वारा अपने डूबे कर्ज को कम कर दिखाना है. सूत्रों का कहना है कि बैंक का  एनपीए दहाई अंकों में ऊंचे स्तर पर हैं. वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक के बही खाते में एनपीए को 2.19 प्रतिशत के निचले स्तर पर दिखाया गया है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में यह 1.05 प्रतिशत था.

थॉमस ने स्वीकार किया कि एचडीआईएल के खाते में एनपीए को कम कर दिखाने की वजह से यह समस्या खड़ी हुई है. स्लम पुनर्विकास कंपनी पहले से नकदी संकट से जूझ रही है. अब यह दिवाला प्रक्रिया में है. पिछले कई साल से कंपनी भुगतान में देरी कर रही है.

थॉमस ने कहा कि समस्या की प्रमुख वजह एचडीआईएल द्वारा भुगतान में देरी है. उन्होंने विश्वास जताया कि देर-सवेर बैंक में स्थिति सामान्य हो जाएगी. यह कर्ज पूरी तरह गारंटी में है. बैंक अब एचडीआईएल से उसकी संपत्तियों की बिक्री के लिए बात कर रहा है जिससे वह अपना बकाया वसूल सके.

उन्होंने कहा, ‘हम पिछले कई माह से एचडीआईएल के साथ काम कर रहे हैं. हमें इस बात की जानकारी है कि कंपनी अपनी संपत्तियों के मौद्रिकरण के अग्रिम चरण में है. इसी वजह से हम कह रहे हैं कि जल्द समस्या दूर हो जाएगी.’

एचडीआईएल को पुराना ग्राहक बताते हुए थॉमस ने कहा कि जब हम सिर्फ एक इकाई वाला बैंक थे तो उन्होंने हमें समर्थन दिया. जब हमें समस्या आई तब भी उनका सहयोग मिला. ‘बहुत साल पहले 1988 में जब कोई बैंक में एक पैसा भी जमा नहीं करा रहा था, उन्होंने 13 लाख रुपये जमा कराए थे.’

थॉमस ने कहा कि बैंक का 40 से 50 प्रतिशत कारोबार सिर्फ एचडीआईएल से आता था. ‘हमने उनसे काफी मुनाफा कमाया है. ऐसा नहीं होता तो हमारा बैंक आगे कैसे बढ़ता और हम शीर्ष पांच में कैसे आते?’

उन्होंने दावा किया कि ऋणदाता के पास अपनी देनदारियों को निपटाने के लिए पर्याप्त नकदी है और जनता की पाई-पाई सुरक्षित है. उन्होंने बताया कि बैंक के पास सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) और नकद आरक्षित अनपुात (सीआरआर) के रूप में 4,000 करोड़ रुपये की नकदी है. बैंक की देनदारियां करीब 11,600 करोड़ रुपये हैं.

वित्त राज्यमंत्री ने कहा, लोगों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बुधवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पीएमसी बैंक के ग्राहकों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े.

ठाकुर ने कहा, ‘ग्राहकों की ओर से वित्त मंत्रालय को ज्ञापन दिया गया है. हम उन मामलों पर गौर करेंगे और उसके बाद इसकी जानकारी आपको देंगे. जो भी संस्थान जनता के पैसे का लेनदेन करता है उसके लिए अनुपालन जरूरी है. अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आम आदमी को किसी तरह की दिक्कत नहीं आए.’

इस बीच कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास को पत्र लिखकर बैंक के ग्राहकों पर छह माह में मात्र 1,000 रुपये की निकासी सीमा को हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की पाबंदी से बैंक के वह ग्राहक बुरी तरह प्रभावित होंगे जो कि अपनी वित्तीय जरूरत के लिये पूरी तरह बैंक पर ही निर्भर हैं.

भाजपा नेता किरीट सौमेया ने भी आरबीआई को पीएमसी बैंक और एचडीआईएल के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है.

गुरुवार को पुलिस ने बताया कि बैंक के शीर्ष अधिकारियों और एचडीआईएल के खिलाफ कथित रूप से जमाकर्ताओं के 3,000 करोड़ रुपये की ‘लूट’ का मामला दर्ज कराया गया है. सोमैया ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के पास बैंक के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है.

पूर्व सांसद ने अपनी शिकायत में कहा है कि कम से कम 9.12 लाख जमाकर्ताओं का पैसा पीएमसी बैंक के प्रबंधन और रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल ने लूटा है.

आर्थिक अपराध शाखा के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए सोमैया ने आरोप लगाया कि पीएमसी बैंक प्रबंधन और एचडीआईएल के मालिक ने साजिश कर जमाकर्ताओं के धन का गबन किया है. इस मामले में पूरी जांच होनी चाहिए.

उन्होंने यह भी मांग की कि रिजर्व बैंक के अधिकारियों को बैंक और एचडीआईएल के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करानी चाहिए. उन्होंने बैंक के एचडीआईएल से लेनदेन की पूर्ण फॉरेंसिक आडिट कराने की मांग की.

सोमैया ने कहा, ‘बैंक द्वारा दिए गए कुल 8,000 करोड़ रुपये के कर्ज में से अकेले 3,000 करोड़ रुपये एचडीआईएल और समूह की बेनामी कंपनियों को दिए गए हैं. एचडीआईएल की ओर से भुगतान में चूक के बावजूद बैंक ने कंपनी को सैकड़ों रुपये का और कर्ज बिना उचित दस्तावेजों के दिया.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)