रिज़र्व बैंक ने बीते 24 सितंबर को पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर छह महीने के लिए कई पाबंदियां लगाई थीं. रिज़र्व बैंक ने इससे पहले पीएमसी खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा छह महीने में सिर्फ़ 1,000 रुपये तय कर दी थी.
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक) के परेशान ग्राहकों को राहत देते हुए निकासी की सीमा को बढ़ाकर बृहस्पतिवार को 10,000 रुपये कर दिया है. रिजर्व बैंक के इस कदम से सहकारी बैंक के 60 प्रतिशत ग्राहकों को मदद मिलेगी.
आरबीआई ने मंगलवार को पीएमसी बैंक पर छह महीने के लिए कई पाबंदियां लगाई थीं. जिससे हजारों जमाकर्ताओं के बीच अफरा-तफरी मच गई. रिजर्व बैंक ने इससे पहले पीएमसी खाताधारकों के लिये निकासी की सीमा छह महीने में सिर्फ 1,000 रुपये तय की थी.
इसमें एटीएम से लेनदेन और आनलाइन बैंकिंग भी शामिल है. इसके अलावा इस अवधि में बैंक द्वारा नया कर्ज देने पर भी रोक लगाई गई है.
आरबीआई को पीएमसी बैंक में एनपीए कम करके बताने समेत कई अनियमितताएं मिली थीं, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया.
रिजर्व बैंक ने विज्ञप्ति में कहा, ‘जमाकर्ताओं को उनके बचत/चालू या किसी अन्य जमा खाते में रखी कुल शेष राशि में से पहले निकाले गए 1,000 रुपये सहित 10,000 रुपये तक की राशि निकालने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है.’
इस सीमा से बैंक के 60 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता अपने पूरे पैसे खाते से निकाल सकेंगे. हालांकि केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बढ़ी हुई राशि की निकासी तभी हो सकेगी जब खाताधारक की बैंक में कोई ऋण देनदारी नहीं हो और वह किसी तीसरे पक्ष को दिए गए ऋण में जमानतदार नहीं हो.
आरबीआई ने कहा कि जमाकर्ताओं की मुश्किलें कम करने के उद्देश्य से यह छूट दी गई है.
मालूम हो कि संकट में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के कई खाताधारकों ने बैंक के अधिकारियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को ही पुलिस में सामूहिक शिकायत दर्ज कराई है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ग्राहकों की ओर से बैंक के चेयरमैन और उसके निदेशकों के खिलाफ जनता के धन का गबन करने की शिकायत दर्ज कराई गई है. यह शिकायत बैंक के खाताधारकों का एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा मध्य मुंबई के सियान पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई.
इसके अलावा भाजपा नेता किरीट सौमेया ने भी आरबीआई को पीएमसी बैंक और रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी एचडीआईएल के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है.
पूर्व सांसद सौमेया ने अपनी शिकायत में कहा है कि कम से कम 9.12 लाख जमाकर्ताओं का पैसा पीएमसी बैंक के प्रबंधन और रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल ने लूटा है.
सोमैया ने आरोप लगाया, ‘बैंक द्वारा दिए गए कुल 8,000 करोड़ रुपये के कर्ज में से अकेले 3,000 करोड़ रुपये एचडीआईएल और समूह की बेनामी कंपनियों को दिए गए हैं. एचडीआईएल की ओर से भुगतान में चूक के बावजूद बैंक ने कंपनी को सैकड़ों रुपये का और कर्ज बिना उचित दस्तावेजों के दिया.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)