डिप्टी एसपी एनपी मिश्रा ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एके भटनागर पर झारखंड में 14 लोगों का फ़र्ज़ी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र लिखा है.
नई दिल्ली: सीबीआई के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर अपने एक शीर्ष अधिकारी पर 14 निर्दोष लोगों के फर्जी एनकाउंटर में शामिल होने का आरोप लगाया है.
डिप्टी एसपी एनपी मिश्रा ने आरोप लगाया है कि सीबीआई के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एके भटनागर झारखंड में 14 लोगों के फ़र्ज़ी एनकाउंटर में शामिल हैं. मिश्रा ने उन्हें सीबीआई से बर्खास्त करने की मांग की है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार 25 सितंबर को लिखे पत्र में एनपी मिश्रा ने कहा है, ‘वर्तमान में संयुक्त निदेशक (प्रशासन) के पद पर कार्यरत एके भटनागर झारखंड में 14 निर्दोष लोगों के फर्जी एनकाउंटर में शामिल रहे हैं. इन सभी मामलों की जांच सीबाआई एससी-आई (SC-I) शाखा कर रही है.’
प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा उन्होंने यह पत्र सीबीआई प्रमुख और मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) को भी भेजा गया है.
मिश्रा ने इस संबंध में पांच पेज की शिकायत सीवीसी को अलग से भेजी है. उनका कहना है कि एनकांउटर में मारे गए लोगों के परिजनों ने इन मामलों में पहले से ही शिकायत कर रखी है.
मिश्रा ने एके भटनागर पर भ्रष्टाचार के विभिन्न मामले में भी शामिल होने का आरोप गया है. उनका दावा है कि कई लोगों ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की है.
एनडीटीवी ने एनपी मिश्रा के इन आरोपों के संबंध में सीबीआई से जवाब मांगा हैं, लेकिन जांच एजेंसी की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया है.
रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार नहीं जब मिश्रा ने एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाए हैं. छत्तीसगढ़ के पत्रकार उमेश राजपूत हत्या मामले में पिछले साल उन्होंने सीबीआई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. हालांकि जांच एजेंसी ने इस सभी आरोप को नकार दिया था.
इसके अलावा एनपी मिश्रा ने अपने तबादले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले की सुनवाई एक अक्टूबर को होने वाली है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार एनपी मिश्रा ने कहा, ‘मेरी शिकायत से उन्हें डर है कि उनकी (एके भटनागर) सच्चाई सामने आ जाएगी, इसलिए वह अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की है.’
मिश्रा वर्तमान में सीबीआई की उस शाखा में कार्यरत हैं, जो इंटरपोल के जरिये भगोड़ों के प्रत्यर्पण के मामलों को देखती है.
मालूम हो कि पिछले साल ही देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों की आपसी लड़ाई उभरकर सामने आई थी.
तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल होने का आरोप लगाया था. उनकी लड़ाई सार्वजनिक होने पर दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया है.
आलोक वर्मा का सीबीआई से तबादला कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं राकेश अस्थाना को भी एजेंसी से बाहर कर दिया गया था.