मध्य प्रदेश के सीएम का पार्टी नेताओं को निर्देश, नेहरू-इंदिरा की तरह बनाएं मोदी की छवि

शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों बाद आज भी लोगों में यह धारणा है कि नेहरू और इंदिरा ने देश का विकास किया. इसलिए अब तक उनका वोट बैंक बना हुआ है.

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शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों बाद आज भी लोगों में यह धारणा है कि नेहरू और इंदिरा ने देश का विकास किया. इसलिए अब तक उनका वोट बैंक बना हुआ है.

(फाइल फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

भाजपा समर्थक पूर्व प्रधानमंत्रियों स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का सोशल मीडिया पर भले ही कितना मजाक बनाते हों लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि उनकी तरह बने.

भोपाल में भाजपा के प्रदेश भर के मीडिया प्रभारियों और प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पूर्व प्रधानमंत्रियों स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी की तरह बनानी होगी.

मुख्यमंत्री ने यह बात भाजपा के मीडिया प्रभारियों और प्रवक्ताओं के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ के दौरान कही.

भाजपा के मीडिया प्रभारियों के अपराधों में लिप्त होने के मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार प्रदेश स्तरीय कार्यशाला को संबोधित किया.

इस दौरान प्रदेश के 56 संगठनात्मक जिलों से आए मीडिया प्रभारी एवं सहायक प्रभारी शामिल हुए.

‘मोदी सरकार बेमिसाल’ विषय पर दिए अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों बाद आज भी लोगों में यह धारणा है कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने देश का विकास किया. इसलिए अब तक उनका वोट बैंक बना हुआ है. हमें भी प्रधानमंत्री मोदी की इसी तरह की छवि और ऐसा ही वोट बैंक बनाना है. इसलिए चाल, चरित्र और चेहरा पारदर्शी रखकर ऐसा काम करें ताकि कोई अंगुली नहीं उठा सके.

मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का बखान करने के टिप्स दिए. करीब आधे घंटे के भाषण में चौहान ने पार्टी नेताओं को टीवी डिबेट व मीडिया में सोच समझकर और तोल-मोल कर बोलने की सलाह दी.

उन्होंने कहा, हर विषय पर बोलने की आदत से बचे और कहां, क्या और कितना बोलना है इस पर ध्यान दें. मीडिया प्रभारियों को समझाते हुए चौहान ने कहा कि कमजोर तर्क सामने आने से विपक्ष को बोलने का मौका मिलता है. इसलिए जिस विषय की जानकारी नहीं है तो उस पर वरिष्ठों से बात करने के बाद वक्तव्य जारी करें.