उन्नाव बलात्कार पीड़िता के वकील ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि मकान मालिक मामले की वजह से किराए पर घर देने के लिए तैयार नहीं हैं. इसके बाद अदालत ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को परिवार को दिल्ली में आवास उपलब्ध कराने के लिए कहा.
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली महिला आयोग को उन्नाव बलात्कार पीड़िता के परिवार के लिए राष्ट्रीय राजधानी में आवास दिलाने में मदद करने के शनिवार को निर्देश दिये.
मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि पीड़िता के वकील ने अदालत को बताया कि मकान मालिक अपने परिसर को थोड़े समय के लिए और मामले की पृष्ठभूमि के कारण किराए पर देने के लिए तैयार नहीं हैं. इसके बाद जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बंद कमरे में सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया.
उन्होंने बताया कि अदालत ने आयोग की अध्यक्ष को परिवार की आवासीय आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए दो सलाहकारों की एक टीम को नामित करने और कम से कम 11 महीने की अवधि के लिए किराए पर या किसी भी सरकारी आवास में उचित दर पर दिल्ली में उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने के लिए कहा है.
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 30 सितम्बर तय की है.
गत 28 जुलाई को हुई एक दुर्घटना के बाद उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर महिला को एम्स लाया गया था. पीड़िता के परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा मिली हुई है.
अदालत ने आयोग को परिवार में बच्चों के पुनर्वास उपायों की देखरेख करने और दिल्ली में उनकी पसंद के अनुसार उनकी आगे की शिक्षा और कौशल विकास सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया.
गौरतलब है कि उन्नाव में भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में महिला का कथित रूप से अपहरण किया और बलात्कार किया. उस समय वह नाबालिग थी.
अदालत ने मामले में सेंगर के खिलाफ आरोप तय किए थे. बलात्कार पीड़िता के पिता को पुलिस ने शस्त्र अधिनियम के तहत तीन अप्रैल, 2018 को गिरफ्तार किया था. इसके छह दिन बाद उनकी न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी.