​हिंदी और मराठी फिल्मों के प्रख्यात अभिनेता ​विजू खोटे का निधन

अभिनेता विजू खोटे ने 300 से ज़्यादा हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया था. फिल्म ‘शोले’ में कालिया और ‘अंदाज अपना-अपना’ में रॉबर्ट का किरदार निभाने के लिए उन्हें जाना जाता है.

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अभिनेता विजू खोटे. (फोटो साभार: विकिपीडिया)

अभिनेता विजू खोटे ने 300 से ज़्यादा हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया था. फिल्म ‘शोले’ में कालिया और ‘अंदाज अपना-अपना’ में रॉबर्ट का किरदार निभाने के लिए उन्हें जाना जाता है.

अभिनेता विजू खोटे. (फोटो साभार: विकिपीडिया)
अभिनेता विजू खोटे. (फोटो साभार: विकिपीडिया)

मुंबई: हिंदी और मराठी फिल्मों के जाने-माने वाले अभिनेता विजू खोटे का सोमवार को निधन हो गया.

वह 77 वर्ष के थे. उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. उन्हारेंने अपने घर पर ही अंतिम सांस ली.

विजू खोटे को फिल्म ‘शोले’ में ‘कालिया’ और ‘अंदाज अपना-अपना’ में ‘रॉबर्ट’ के यादगार किरदारों को निभाने के लिए जाना जाता है.

‘शोले’ में गब्बर का किरदार निभाने वाले अमज़द ख़ान जब उनसे पूछते हैं, ‘तेरा क्या होगा कालिया..?’ तो कालिया बने विजू संकपकाते हुए कहते हैं, ‘सरदार… मैंने अपका नमक खाया है सरदार.’ इस पर गब्बर कहता है, ‘…तो अब गोली खा.’

इसके अलावा फिल्म ‘अंदाज़ अपना-अपना’ में रॉबर्ट के रोल में उनका एक और डायलॉग काफी प्रसिद्ध हुआ, ‘गलती से मिस्टेक हो गया.’

ये दोनों डायलॉग भारतीय सिनेमा के इतिहास के कुछ प्रसिद्ध डायलॉग में से एक हैं और आज भी सिनेमा प्रेमियों के ज़ेहन में ताज़ा हैं.

अभिनेता की भांजी और अदाकारा भावना बलसावर ने बताया, ‘उन्होंने अपने घर पर सुबह करीब छह बजकर 55 मिनट पर नींद में ही अंतिम सांस ली. वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.’

उन्होंने कहा, ‘वह अस्पताल में अंतिम सांस नहीं लेना चाहते थे इसलिए हम कुछ दिन पहले उन्हें घर ले आए थे. यह हमारे लिए एक बड़ी क्षति है.’

‘चंदन वाड़ी’ में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

वह अभिनेत्री शोभा खोटे के छोटे भाई थे. उनके पिता नंदू खोटे मूक फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता रहे हैं. नंदू खोटे की भाभी दुर्गा खोटे भी अभिनेत्री थीं.

खोटे को फिल्म कयामत से कयामत तक (1988), मराठी फिल्म वेंटिलेटर (2016) और टीवी शो ज़बान संभालके (1993) में बेहतरीन अभिनय के लिए भी सराहा गया.

साल 1964 में फिल्म ‘या मलक’ से सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक देने के बाद विजू ‘शोले’, ‘क़ुबार्नी’, ‘क़र्ज़’, ‘नगीना’, ‘कयामत से कमायत तक’ और ‘अंदाज़ अपना-अपना’ जैसी फिल्मों में नज़र आए थे.

90 के दशक में आया उनका टीवी शो ‘ज़बान संभालके’ ब्रिटिश शो माइंड योर लैंग्वेज पर आधारित था.

विजू खोटे ने 300 से ज़्यादा हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया था. वह अभी तक मराठी थियेटर में सक्रिय थे.

फिल्मों में आखिरी बार उन्हें साल 2018 में ‘जाने क्यों दे यारों’ में देखा गया. हाल की उनकी कुछ फिल्मों में गोलमाल 3 (2010), अतिथी तुम कब जाओगे (2010) और अजब प्रेम की ग़ज़ब कहानी (2009) आदि शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)