भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि देश में 1994 के बाद इस मानसून में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार में बाढ़ के लिए हथिया नक्षत्र को ज़िम्मेदार ठहराया.
नई दिल्ली: पिछले कई दिन से हो रही बारिश के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश के अनेक हिस्से सोमवार को बाढ़ की चपेट में रहे वहीं देश भर में वर्षाजनित हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या 148 पर पहुंच गई हैं.
पिछले सप्ताह से अब तक उत्तर प्रदेश में 111 और बिहार में तकरीबन 28 लोगों की मौत हुई है.
मौसम विभाग ने मानसून की देर से वापसी और पटना में और बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. पटना में पिछने तीन दिन से भारी बारिश के कारण अनेक इलाके पानी में डूबे हुए हैं.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि देश में 1994 के बाद इस मानसून में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई. मौसम विभाग ने इसे ‘सामान्य से अधिक’ बताया.
मानसून सोमवार को आधिकारिक रूप से तो समाप्त हो गया लेकिन यह देश के कुछ हिस्सों के ऊपर अभी भी सक्रिय है.
विभाग ने कहा कि मानसून की वापसी 10 अक्टूबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होने की उम्मीद है. यह मानसून की अब तक की दर्ज सबसे विलंबित वापसी है.
मौसम विभाग के 36 उपमंडलों में से दो- पश्चिम मध्य प्रदेश और सौराष्ट्र एवं कच्छ में ‘काफी अधिक’ वर्षा दर्ज की गई.
बिहार में बारिश से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है.
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि राज्य सरकार ने वायुसेना से पानी में डूबे स्थानों में खाने के पैकेट तथा अन्य सामग्रियां गिराने के लिए एक हेलीकॉप्टर भेजने का आग्रह किया है.
लोकजनशक्ति पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान पटना में अपने घर के बदले एक होटल में रुके हुए हैं.
सोमवार दोपहर में तीन और लोगों के बारिश की वजह से मरने की खबर आई है. इनमें से एक व्यक्ति की मौत नवादा और दो लोगों की मौत जहानाबाद जिले में हुई.
सुबह में बारिश थमी थी लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पटना में सोमवार देर शाम बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शहर में इस मानसून में एक जून से 30 सितम्बर तक 404.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई जबकि 30 सितंबर का औसत 648.9 मिलीमीटर है. इस तरह से इस वर्ष 38 प्रतिशत कम वर्षा हुई.
मानसून इस वर्ष सामान्य से एक सप्ताह की देरी से आया था. मानसून ने आठ जून को केरल के ऊपर से शुरुआत की थी लेकिन जून में इसकी गति सुस्त हो गई थी. जून में 33 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी.
यद्यपि मानसून ने जुलाई में गति पकड़ी और सामान्य से 33 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई. अगस्त में भी सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई.
दिल्ली में 83 प्रतिशत कम बारिश दर्ज
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले दो वर्षों के दौरान अधिक वर्षा दर्ज की गई थी. दिल्ली में 2018 में 770.6 मिलीमीटर और 2017 में 672.3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई.
इस वर्ष जून में दिल्ली में मात्र 11.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई जबकि सामान्य 65.5 मिलीमीटर है. इस तरह से जून में 83 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई. जुलाई महीने में यहां 24 प्रतिशत कम वर्षा हुई क्योंकि मात्र 210.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई.
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश से कई स्थानों पर जनजीवन खासा प्रभावित हुआ है.
बलिया के समूचे जिला कारागार परिसर में कमर तक पानी भर जाने के कारण कम से कम 900 कैदियों को दूसरे जिलों की जेलों में भेजना पड़ा.
झारखंड के दुमका जिले में बारिश के कारण दीवार गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई.
इन राज्यों के अलावा उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 13 लोगों के मारे जाने की सूचना है. गुजरात में राजकोट जिले में एक कार के पानी में बह जाने से कार सवार तीन महिलाओं की मौत हो गई. सौराष्ट्र के अनेक हिस्सों में बारिश हो रही है.
केंद्रीय मंत्री ने बिहार में बाढ़ के लिए हथिया नक्षत्र को जिम्मेदार बताया
बिहार में आई विनाशकारी बाढ़ को प्राकृतिक आपदा करार देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बीते सोमवार को कहा कि राज्य में ‘हथिया नक्षत्र’ के कारण जबरदस्त बारिश हो रही है.
राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम से इतर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से बिहार में जारी मूसलाधार बारिश ‘हथिया नक्षत्र’ के कारण हो रही है. हथिया नक्षत्र में कभी-कभी बहुत भयंकर बारिश होती है. बारिश ने अब प्राकृतिक आपदा का रूप ले लिया है.’
चौबे ने कहा कि बिहार की भाजपा-जद (यू) गठबंधन सरकार, जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन विभाग 24 घंटे राहत एवं बचाव अभियान चला रहे हैं और स्थिति से निपटने के लिए काम कर रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा, ‘मुख्यमंत्री समेत पूरी राज्य सरकार स्थिति की नजदीक से निगरानी कर रही है. जिन लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है उनको राहत पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.’