मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई है, जिसका पर्यावरणविद् विरोध कर रहे हैं. गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
मुंबईः मुंबई पुलिस ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बीच शनिवार सुबह कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी, जिसके बाद 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और किसी को वहां आने की अनुमति नहीं है. पुलिस ने बताया कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को भी वहां तैनात किया गया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें से छह महिलाएं हैं.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने शुक्रवार रात से अभी तक 40 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
#WATCH: People gathered in protest at #AareyForest against the felling of trees there, earlier tonight. They were later removed from spot by police. Bombay HC has dismissed all petitions against BMC decision which allowed felling of more than 2700 trees there, for metro car shed. pic.twitter.com/saT4MaHWsq
— ANI (@ANI) October 4, 2019
एक अधिकारी ने बताया कि पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था. हिरासत में लिए गए लोगों में शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं.
मालूम हो कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने उत्तरी मुंबई के हरित क्षेत्र में मेट्रो की पार्किंग बनाने के लिये पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इसके कुछ घंटों बाद मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने शुक्रवार देर रात पेड़ों की कटाई शुरू कर दी थी.
एमएमआरसीएल द्वारा पेड़ों की कटाई शुरू करते ही सैकड़ों पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर उन्हें रोकने की कोशिश की.
मुंबई पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने आरे कॉलोनी, गोरेगांव नाके और उसके आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है.’
उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 358, 332, 143 और 149 के तहत 38 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि पार्किंग बनाने के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन करने सैकड़ों लोग यहां एकत्रित हुए थे. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग भी करना पड़ा.
उन्होंने बताया कि स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू किया.
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की आलोचना करते हुए दावा किया कि अब तक लगभग 1,000 पेड़ काटे जा चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो निगम 10 अक्टूबर से पहले काम खत्म करना चाहता है. इसी दिन राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में मामले की सुनवाई होनी है.
पर्यावरण कार्यकर्ता स्टालिन डी. ने कहा, ‘एनजीटी दस अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करेगा और हमें वहां से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे सुनवाई से पहले ही पेड़ों की कटाई का काम खत्म करना चाहते हैं.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रदर्शनकारी ने बताया, ‘पुलिस मौके पर मौजूद लोगों की पिटाई कर रही है, जिनमें आदिवासी भी हैं. पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर रही है. आदिवासी लड़कियां अंदर (जंगल) बैठी हैं और वहां से जाने से इनकार कर रही हैं. हम सभी पुलिस कार में हैं. पुलिस ने लोगों को हिरासत में लिया है और उन्हें अलग-अलग पुलिस थानों में लेकर गई है.’
वहीं, मुंबई पुलिस के डीसीपी (ऑपरेशन्स) प्रणय अशोक का कहना है, ‘मुंबई पुलिस द्वारा लोगों पर ज्यादती करने के आरोप गलत हैं. स्थिति को संभालने के लिए कानून के दायरे में कदम उठाए जा रहे हैं. मौजूदा स्थिति शांतिपूर्ण हैं और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है.’
महाराष्ट्र विधानसभा में वर्ली से अपनी किस्मत आजमा रहे शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए कहा, ‘मुंबई मेट्रो-3 (चरण) जिस ताकत के साथ एक पारिस्थितिकी तंत्र को धूर्तता और तेजी से काट रही है, वह शर्मनाक और घिनौना है. क्यों न इन्हें पीओके में तैनात कर पेड़ों के बजाए आतंकवादी ठिकाने तबाह करने का काम दिया जाए?’
The vigour with which the @MumbaiMetro3 is slyly and swiftly cutting down an ecosystem in Aarey is shameful and disgusting. How about posting these officials in PoK, giving them charge to destroy terror camps rather than trees?
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) October 4, 2019
ठाकरे ने ट्वीट कर कहा, ‘मेट्रो-3 परियोजना का काम गर्व के साथ पूरा किया जाना चाहिए. मुंबई मेट्रो-3 का इसे रात के अंधेरे में, कड़ी सुरक्षा के बीच धूर्तता से करना शर्मनाक है.’
A project that should be executed with pride, the Metro 3, @MumbaiMetro3 has to do it in the cover of the night, with shame, slyness and heavy cop cover.
The project supposed to get Mumbai clean air, is hacking down a forest with a leopard, rusty spotted cat and more— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) October 4, 2019
राकांपा और कांग्रेस ने कहा, भगवा दल आरे कॉलोनी में पेड़ों की रक्षा करने में नाकाम रहा
इस बीच, विपक्षी दल राकांपा और कांग्रेस ने भी शिवसेना और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवा दल आरे कॉलोनी में पेड़ों की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं.
आदित्य ठाकरे पर तंज कसते हुए राकांपा ने कहा कि फर्जी पर्यावरण प्रेमी तब कहां थे जब पेड़ों को काटा जा रहा था.
राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट कर कहा, ‘आरे में पेड़ों की कटाई कुछ नहीं बल्कि मुंबईवासियों को लाचार बनाकर मार डालना है. शिवसेना पिछले 25 साल से परेशानी का कारण बनी हुई है. अब वह भाजपा के साथ गठबंधन करके आम मुंबईवासियों को तकलीफ दे रहे हैं.’
आरेतील वृक्षतोड म्हणजे मुंबईकरांना नाक दाबून मारण्याचा प्रकार. गेली २५वर्षे @ShivSena जीव घेत होती. आता भाजपसोबत युती करून सामान्य मुंबईकरांना वेठीस धरत आहे. आरेत वृक्षतोड होत असताना प्लास्टिक बंद करणारे नकली पर्यावरणप्रेमी कुठे गेले? #AareyForest @AUThackeray @BJP4Maharashtra pic.twitter.com/g13ReFO1pm
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) October 5, 2019
राकांपा की सांसद सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा, ‘आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर सरकार अड़ियल रवैया अपना रही है. एक ओर जलवायु परिवर्तन पर बात करना और दूसरी ओर रात को चुपचाप पेड़ काटना सही नहीं है. मुख्यमंत्री कार्यालय से मुंबई हरित क्षेत्र को बचाने के लिए सामने आने की बजाय यही करने की उम्मीद थी.’
the orders are given to chop down trees for a metro shed in the ‘guise’ of development. @CMOMaharashtra it's time to protect the Lungs of Mumbai. #AareyForest Needs to be protected. (2/2)
— Supriya Sule (@supriya_sule) October 5, 2019
मालूम हो कि बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मुंबई की आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाएं खारिज करने के बाद शुक्रवार देर रात पेड़ों की कटाई का काम शुरू हुआ, जिसके बाद बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी मौके पर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे.
वहीं, मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड का कहना है कि मेट्रो शेड बनाने के लिए आरे की जमीन का सिर्फ दो फीसदी ही इस्तेमाल में लाया जा रहा है.
मालूम हो कि बीएमसी ने इस हरित क्षेत्र में मेट्रो कार शेड के लिए तकरीबन 2,700 पेड़ों को काटने की मंजूरी दी थी.
पिछले दो साल से पर्यावरणविद् आरे कॉलोनी में कार शेड बनाने के लिए बीएमसी के वृक्ष प्राधिकरण द्वारा आरे कॉलोनी में तकरीबन 2700 पेड़ों को काटने की मंज़ूरी दिए जाने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. आरे में पांच लाख से ज़्यादा पेड़ हैं.
मुंबई के उपनगर गोरेगांव की आरे कॉलोनी हरित क्षेत्र है. यह संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से लगी हुई है और इस हरित क्षेत्र को मुंबई का फेफड़ा भी कहा जाता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)