मध्य प्रदेश: नाटक में गोडसे को संघ की वेशभूषा में दिखाने पर स्कूल पर केस दर्ज

मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित एक स्कूल के छात्रों ने 2 अक्टूबर को गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर एक लघु नाटक का मंचन किया. इस दौरान महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को आरएसएस की वेशभूषा में दिखाया गया था. केस दर्ज होने के बाद स्कूल ने माफी मांग ली है.

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(फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित एक स्कूल के छात्रों ने 2 अक्टूबर को गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर एक लघु नाटक का मंचन किया. इस दौरान महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को आरएसएस की वेशभूषा में दिखाया गया था. केस दर्ज होने के बाद स्कूल ने माफी मांग ली है.

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भोपाल: जबलपुर के एक स्कूल में किए गए एक नाटक में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) की वर्दी में दिखाने पर विवाद खड़ा हो गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, आरएसएस ने इस मामले पर आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है.

जबलपुर के स्माल वंडर्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों ने बुधवार को गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर एक लघु नाटक का मंचन किया. इस नाटक मंचन में नाथूराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या का मंचन किया गया.

इस नाटक मंचन में गांधी बने छात्र को गोडने बना छात्र गोली मारता है. हालांकि, विवाद तब खड़ा हो जाता है जब गोडसे बने छात्र को आरएसएस की वेशभूषा में दिखाया जाता है.

खुद को आरएसएस कार्यकर्ता बताने वाले यतींद्र उपाध्याय इस संबंध में लॉर्डगंज पुलिस स्टेशन में आरएसएस की छवि को धूमिल करने के संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि न तो गोडसे संगठन से जुड़ा था, न ही संगठन का महात्मा की हत्या से कोई लेना-देना था.

सिटी एसपी दीपक मिश्रा ने कहा कि आईपीसी की धारा 500 (मानहानि की सजा) के तहत गैर-संज्ञेय रिपोर्ट पुलिस को दी गई थी. उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत के लिए पुलिस को जांच करने की जरूरत नहीं है और शिकायतकर्ता को अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा.

हालांकि, विवाद को बढ़ते देख स्कूल प्रबंधन ने शुक्रवार को फेसबुक पर माफीनामा पोस्ट किया.

माफीनामे में कहा गया, “यह एक मूक नाटक था, जिसका जूनियर वर्ग के छात्रों द्वारा मंचन किया गया था. आरएसएस की वर्दी में नाथूराम गोडसे को दिखाना एक गलती थी. यह एक गलती थी और इसके पीछे कोई दुर्भावना या राजनीतिक विचारधारा नहीं थी. गोडसे का आरएसएस से कोई लेना-देना नहीं था. हमें अनजाने में हुई गलती के लिए खेद है.

इसके बाद उपाध्याय ने बताया कि स्कूल के मालिक ने आरएसएस के दफ्तर पहुंचकर एक लिखित माफीनामा दिया. उन्होंने कहा कि आरएसएस ने माफीनामे को स्वीकार करने का फैसला किया है.