कानून के छात्रों द्वारा इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे गए पत्र के बाद मामले की सुनवाई के लिए दो जजों की पीठ गठित की गई थी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी और महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक वे इस मामले में यथास्थिति बनाए रखें.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस भूषण की पीठ ने ये आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को वन पीठ के सामने होगी.
मालूम हो कि कानून के छात्रों के एक समूह द्वारा इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे गए पत्र के बाद ये दो जजों की पीठ गठित की गई थी. इससे पहले आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने की मांग लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे लोगों की याचिकाओं को कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
Supreme Court asks that activists who were arrested should be released. 'In case those are still not released shall be released immediately,' assures Solicitor General Tushar Mehta. SC also asks to include Union Environment ministry a party. Next hearing on October 21. https://t.co/jOBQmtjWeg
— ANI (@ANI) October 7, 2019
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और गोपाल शंकरनारायणन ने याचिकाकर्ताओं की पैरवी की. उन्होंने कोर्ट को बताया कि आरे जंगल है या नहीं, अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित है. इसके अलावा एनजीटी इस मामले पर विचार कर रही है कि आरे क्षेत्र इको-सेनसिटिव है या नहीं.
उन्होंने कहा कि इसलिए प्रशासन को फैसला आने तक आरे कॉलोनी के पेड़ों को नहीं काटना चाहिए था. इससे पहले शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के दो जजों मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नन्द्राजोग और जस्टिस भारती डांगरे की पीठ ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने के संबंध में एनजीओ और पर्यावरणविदों द्वारा दायर की गई पांच याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
बीते शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से फैसला आने के बाद रात को नौ बजे से दो घंटे के भीतर एमएमआरसीएल ने इलेक्ट्रिक मशीन से 450 पेड़ों को काट दिया था. हालांकि स्थानीय लोगों द्वारा विरोध के बाद कुछ देर तक इस प्रक्रिया को रोक दिया गया था. लेकिन बाद में पुलिस की मदद से शनिवार रात नौ बजे तक में आरे कॉलोनी के करीब 2,134 पेड़ों को काट दिया गया.
मुंबई पुलिस ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बीच शनिवार सुबह कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी, जिसके बाद 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी आदेश दिया कि इस मामले को लेकर गिरफ्तार किए गए सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाए. इस पर भरोसा दिलाते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘अगर किसी को अभी तक रिहा नहीं किया गया है तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाएगा.’