तीन वैज्ञानिकों विलियम जी. केलिन, पीटर जे. रेटक्लिफ और ग्रेग एल. सेमेंजा ने खोज कर बताया कि किस तरह से शरीर की कोशिकाएं ऑक्सीजन को महसूस करती हैं.
स्टाकहोम: शरीर विज्ञान या चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान के लिए 2019 का नोबेल पुरस्कार इस बार तीन वैज्ञानिकों विलियम जी. केलिन, पीटर जे. रेटक्लिफ और ग्रेग एल. सेमेंजा को प्रदान किया जाएगा. इन वैज्ञानिकों ने खोज कर बताया कि किस तरह से शरीर की कोशिकाएं ऑक्सीजन को महसूस करती हैं.
नोबेल समिति ने सोमवार को घोषणा की कि उन्हें ‘कोशिकाओं को ऑक्सीजन की उपलब्धता का आभास करने और उसके अनुकूल बनने’ पर उनकी खोज के लिए संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया है.
BREAKING NEWS:
The 2019 #NobelPrize in Physiology or Medicine has been awarded jointly to William G. Kaelin Jr, Sir Peter J. Ratcliffe and Gregg L. Semenza “for their discoveries of how cells sense and adapt to oxygen availability.” pic.twitter.com/6m2LJclOoL— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2019
कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट ने एक बयान में बताया कि तीनों 90 लाख क्रोनोर (9,18,000 डॉलर) की नकद राशि बराबर साझा करेंगे.
इसमें कहा गया कि तीनों वैज्ञानिकों की इस महत्वपूर्ण खोज का शरीर विज्ञान के लिए बुनियादी महत्व है और इससे एनीमिया (रक्तालप्ता), कैंसर तथा अन्य कई बीमारियों से लड़ने की नई रणनीतियों का रास्ता साफ हुआ है.
This year’s Medicine Laureate Gregg L. Semenza was born in 1956 in New York, USA.
He is a professor at @JohnsHopkins and is the Director of the Vascular Research Program at the Johns Hopkins Institute for Cell Engineering.#NobelPrizehttps://t.co/aXHwHm8efv pic.twitter.com/giZ79pXVWF
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2019
ग्रेग एल. सेमेंजा का जन्म 1956 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में हुआ था. वे अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और जॉन्स हॉपकिन्स इंस्टीट्यूट फॉर सेल इंजीनियरिंग में वस्कुलर रिसर्च प्रोग्राम के निदेशक हैं.
2019 Medicine Laureate Sir Peter J. Ratcliffe was born in 1954 in Lancashire, UK.
He is the Director of Clinical Research at @TheCrick, Director for Target Discovery Institute in Oxford and Member of @Ludwig_Cancer.#NobelPrizehttps://t.co/91QPoSWI6K pic.twitter.com/VB8EE2K5vc
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2019
वहीं, पीटर जे. रेटक्लिफ का जन्म यूनाइटेड किंगडम के लैंकशायर में 1954 में हुआ था. वे द क्रिक इंस्टीट्यूट में क्लिनिकल रिसर्च के निदेशक और ऑक्सफोर्ड में टार्गेट डिस्कवरी इंस्टीट्यूट के निदेशक हैं. इसके अलावा रेटक्लिफ वैज्ञानिकों के समूह लुडविग कैंसर के सदस्य भी हैं.
William G. Kaelin Jr, awarded this year’s Medicine Prize, was born in 1957 in New York, USA.
He established his own research lab at @DanaFarber and is a professor at @harvardmed. He is an Investigator of the @HHMINews.#NobelPrizehttps://t.co/t7L8Cou6jF pic.twitter.com/1I7LaJjG8w
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2019
मेडिसिन के क्षेत्र में इस साल का नोबेल पुरस्कार पाने वाले तीसरे वैज्ञानिक विलियम जी. केलिन का जन्म अमेरिका के न्यूयार्क में 1957 में हुआ था. केलिन ने डाना-फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट में अपना खुद का रिसर्च लैब स्थापित किया है. वे हार्वर्ड में प्रोफेसर भी हैं.
केलिन एचएचएमआई न्यूज़ में खोजकर्ता हैं. एचएचएमआई अनुसंधान और विज्ञान शिक्षा के माध्यम से विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तियों की शक्ति में विश्वास करता है, जिससे मानवता को लाभान्वित करने वाली खोज किए जा सकें.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)