जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीडीपी नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से मुलाकात की अनुमति दी थी. राज्यपाल ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पर्यटकों के लिए जारी सुरक्षा परामर्श वापस लेने का निर्देश दिया. 10 अक्टूबर से आ सकते हैं पर्यटक.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के हालात को पार्टी के मामलों से बड़ा बताते हुए पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के शिष्टमंडल के सदस्यों से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीडीपी नेताओं को मुफ्ती से मुलाकात की अनुमति दी थी. हालांकि, सोमवार को पार्टी नेताओं ने मुफ्ती से मुलाकात को अगले हफ्ते तक के लिए टाल दिया था.
बता दें कि, पीडीपी के अधिकतर नेताओं के साथ महबूबा मुफ्ती को नजरबंद रखा गया है और तब से ही वह पार्टी के किसी भी सदस्य से नहीं मिली हैं.
इससे पहले ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मंजूरी मिलने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस की 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की थी.
पार्टी ने कहा कि रविवार देर रात एक बैठक के बाद शिष्टमंडल ने महबूबा से मुलाकात का फैसला टाल दिया क्योंकि जम्मू के कुछ नेता मुलाकात के लिए निर्धारित सुबह के 11 बजे उपलब्ध नहीं थे.
हालांकि, पार्टी के सूत्रों का कहना है कि महबूबा दुखी हैं और उन्होंने यह कहते हुए शिष्टमंडल से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था इस समय कश्मीर के हालात के मसला पार्टी के किसी मामले से बड़ा है और वह केवल कुछ समय के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय सहारा नहीं बनना चाहती हैं. वह चश्मेशाही में केवल अपने परिवार से मिल रही हैं, जहां पर उन्हें नजरबंद रखा गया है.
No meeting between Miss Mufti & PDP Jammu leaders in Srinagar tomorrow as reported by media https://t.co/OFDCXTQ2X6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 6, 2019
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर 6 अक्टूबर को उन्होंने कहा, मीडिया में की जा रही रिपोर्ट से इतर श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती और पीडीपी जम्मू के नेताओं के बीच कल कोई मुलाकात नहीं होगी. बता दें कि, फिलहाल महबूबा मुफ्ती का ट्विटर अकाउंट उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती चला रही हैं.
इस दौरान मुफ्ती के ट्विटर अकाउंट से कश्मीरी लोगों की जिंदगी और मुंबई की आरे कॉलोनी के पेड़ों की तुलना की. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में 2000 से अधिक पेड़ों के काटे जाने के बाद अन्य पेड़ों को काटने पर लगा दी.
Glad that activists were able to stop felling of trees at Aarey. One wonders why Kashmiris have been deprived of the very same right to free speech & expression. GOI claims they are now at par with other Indians but truth is they’ve been stripped of even fundamental rights.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 7, 2019
ट्वीट में कहा गया, ‘खुशी हुई कि कार्यकर्ता आरे में पेड़ों की कटाई रोकने में कामयाब रहे. हालांकि, इस बात पर आश्चर्य है कि कश्मीरियों को ऐसी ही अभिव्यक्ति की आजादी से क्यों वंंचित रखा गया है. भारत सरकार दावा कर रही है कि अब कश्मीरी अन्य भारतीयों के समान हैं लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से भी वंचित कर दिया गया है.’
10 अक्टूबर से जम्मू कश्मीर आ सकते हैं पर्यटक, राज्यपाल ने सुरक्षा परामर्श वापस लेने को कहा
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को दो महीने से चले आ रहे उस परामर्श को वापस लेने का निर्देश दिया, जिसमें पर्यटकों को घाटी छोड़ने के लिए कहा गया था. राज्यपाल ने इस परामर्श को वापस लेने को 10 अक्टूबर तक तामील कराने का निर्देश दिया.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो अगस्त को एक सुरक्षा परामर्श जारी कर कश्मीर घाटी में आतंकवादी हमले की आशंका का हवाला देते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से यथाशीघ्र कश्मीर छोड़कर चले जाने को कहा था.
इस परामर्श के कुछ दिन बाद पांच अगस्त को केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा की थी.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल ने यहां सलाहकारों और मुख्य सचिव के साथ ‘स्थिति एवं सुरक्षा समीक्षा’ बैठक में यह निर्देश दिया.
प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल को यह भी बताया गया कि प्रखंड विकास परिषद (बीडीसी) के चुनाव पार्टी आधारित हैं, इसलिए विभिन्न दलों के प्रतिनिधिमंडल को जेल में अपने पार्टी अध्यक्षों (जो भी जेल में बंद हैं) से एक बार मिलने की इजाजत दी जा रही है, ताकि वे चुनाव पर निर्णय ले सकें और किसी को उम्मीदवारों को मंजूर करने के लिए अधिकृत कर सकें. जम्मू कश्मीर में 24 अक्टूबर को बीडीसी चुनाव हैं.
प्रवक्ता ने कहा, ‘राज्यपाल ने निर्देश दिया कि पर्यटकों को घाटी छोड़कर चले जाने का गृह विभाग का परामर्श तत्काल वापस लिया जाए. ऐसा दस अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से किया जाएगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)