कांग्रेस ने 18 वरिष्ठ नेताओं की सलाहकार परिषद का भी गठन किया है. इसके अलावा आठ सदस्यीय एक रणनीति समूह भी बनाया गया है, जिसमें जितिन प्रसाद सहित कई वरिष्ठ नेताओं को रखा गया है.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की अपनी इकाई में बड़ा फेरबदल करते हुए सोमवार को अजय कुमार लल्लू को अध्यक्ष नियुक्त किया. वह राज बब्बर की जगह लेंगे.
इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की पुत्री एवं पार्टी की विधायक आराधना मिश्रा ‘मोना’ को पार्टी विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है.
दूसरी तरफ, 18 वरिष्ठ नेताओं की सलाहकार परिषद भी गठित की गई है. इसके अतिरिक्त 8 सदस्यीय एक रणनीति समूह भी बनाया गया है जिसमें जितिन प्रसाद सहित कई वरिष्ठ नेताओं को रखा गया है.
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 18 सदस्यीय सलाहकार परिषद का गठन किया है, जिसमें अजय राय, अजय कपूर, मोहसीना किदवई, पीएल पूनिया और आरपीएन सिंह शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश के लिए योजना और रणनीति पर काम करने के लिए आठ सदस्यीय समिति में जितिन प्रसाद के अलावा राजीव शुक्ला, राजाराम पाल, इमरान मसूद और बृज लाल खबरी शामिल हैं.
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Appointment of following persons as Office Bearers of Uttar Pradesh Congress Committee.
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अजय राय वाराणसी के पूर्व विधायक रहे हैं और मोहसीना किदवई पार्टी की वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं.
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन नियुक्तियों को स्वीकृति प्रदान की.
लल्लू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने के साथ ही चार उपाध्यक्ष, 12 महासचिव और 24 सचिव बनाए गए हैं.
वीरेंद्र चौधरी को उपाध्यक्ष (पूर्वी उत्तर प्रदेश) और पंकज मलिक को उपाध्यक्ष (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) बनाया गया है. इसके साथ ही ललितेश पति त्रिपाठी और दीपक कुमार को भी उपाध्यक्ष बनाया है.
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त्रिपाठी उपाध्यक्ष के तौर पर प्रदेश युवा कांग्रेस एनएसयूआई, ओबीसी, किसान एवं महिला इकाइयों का प्रभार देखेंगे. इसी तरह दीपक कुमार सेवा दल, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगे.
इसके अलावा 12 महासचिवों में आलोक प्रसाद राय, विश्व विजय सिंह, युसूफ अली तुर्क और योगेश दीक्षित शामिल हैं.
सूत्रों का कहना है कि सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी बनाई गई है.
अध्यक्ष बनाए गए लल्लू का वैश्य समुदाय (ओबीसी) से संबंध है. आराधना मिश्रा को विधायक दल का नेता बनाकर ब्राह्मण समाज को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास हुआ है.
लल्लू उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल के नेता था और तम्कुही राज विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक हैं. उन्हें प्रियंका गांधी का क़रीबी माना जाता है.
उपाध्यक्षों, महासचिवों और सचिवों की नियुक्ति में भी सामाजिक एवं जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है.
नई उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन की कवायद से अवगत कांग्रेस एक वरिष्ठ नेता कहा, ‘हर पदाधिकारी की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गई है. नई कमेटी पिछली कमेटी की अपेक्षा दस गुना छोटी है. पिछली कांग्रेस कमेटी लगभग 500 लोगों की थी, लेकिन नई कमेटी लगभग 40-45 लोगों की है.’
उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में युवाओं को मौका और वरिष्ठ नेताओं की सलाहकार समिति को मार्गदर्शन की जिम्मेदारी दी गई है.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कमेटी की औसत आयु लगभग 40 साल है. यानी कि कांग्रेस हाई कमान ने उत्तर प्रदेश में भरोसा नौजवानों पर जताया है. साथ ही साथ वरिष्ठ नेताओं को भी स्थान दिया है.’
सूत्रों का कहना है कि लगभग चार माह से कांग्रेस की कई टीमें उत्तर प्रदेश पर व्यापक विचार विमर्श कर रही थीं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुद उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं, नेताओं और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक करके सलाह मशविरा ले रहीं थीं. पार्टी के छह राष्ट्रीय सचिव लगातार पूरे प्रदेश का भ्रमण कर रहे थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)