बदायूं ज़िले के कछला नगर पंचायत की गोशाला में 11 गायों, सात बछड़े और बछिया समेत 22 जानवरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. प्रारंभिक जांच में पता चला कि मवेशियों को दिए गए बाजरे के चारे में नाइट्रोजन की अधिक मात्रा होने से उनकी मौत हुई.
बदायूंः उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के कछला नगर पंचायत स्थित सरकार द्वारा संचालित गोशाला में चारा खाने के बाद 22 गोवंशीय पशुओं की मौत हो गई और 54 बीमार हो गए. मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि नगर पंचायत कछला के गोशाला में 11 गायों, सात बछड़े और बछिया समेत 22 जानवरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.
मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बुलाई गई.
उन्होंने बताया कि टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पशुओं द्वारा अधिक हरा चारा खाने के कारण उनके शरीर में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक हो गई थी. नाइट्रेट विषाक्तता की वजह से ही उनकी मृत्यु हुई है.
जिलाधिकारी ने बताया कि गोशाला के सभी जानवरों को शनिवार रात करीब आठ बजे बाजरे का हरा चारा दिया गया था.
आईवीआरआई वैज्ञानिकों की एक टीम सोमवार को कछला गांव की गोशाला पहुंची और मवेशियों को दिए गए चारे और पानी के नमूने जांच के लिए इकट्ठा किए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उझानी थाने के एसएचओ विनोद कुमार सिंह ने कहा कि रविवार शाम को मवेशियों को नियमित तौर पर दिए जाने वाले चारे के साथ बाजरे का हरा चारा दिया गया था, जिसके बाद वे बीमार पड़ गए. जिला मजिस्ट्रेट और पशु चिकित्सकों सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची.
बदायूं के डीएम दिनेश कुमार ने कहा, ‘अधिकारियों की टीम जब तक पहुंची तब तक 22 मवेशी दम तोड़ चुके थे. हमने तुरंत 51 अन्य मवेशियों का इलाज किया और उनकी जान बचाई. मैंने इन मवेशियों की मौत का पता लगाने के लिए आईवीआरआई निदेशक से जांच करने का अनुरोध किया.’
उन्होंने कहा, ‘आईवीआरआई टीम की विस्तृत जांच के बाद मौत के असल कारणों का पता चल सकेगा.’
इस बीच बदायूं पुलिस ने कछला गांव में गोशाला के प्रभारी ट्यूबवेल संचालक अमरनाथ शर्मा से पूछताछ की. एसएचओ कुमार ने कहा, ‘हमने गोशाला में चारे की सप्लाई करने वाले एक स्थानीय निवासी मोनू से भी पूछताछ की.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)