कश्मीर की स्थिति पर करीब से नजर, पाकिस्तान के जायज मुद्दों को समर्थन: शी जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बीजिंग में एक बैठक में भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में बदलाव के बावजूद चीन और पाकिस्तान की मित्रता अटूट और चट्टान जैसी मजबूत है.

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बीजिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग. (फोटो: ट्विटर/@pid_gov).

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बीजिंग में एक बैठक में भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में बदलाव के बावजूद चीन और पाकिस्तान की मित्रता अटूट और चट्टान जैसी मजबूत है.

बीजिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग. (फोटो: ट्विटर/@pid_gov).
बीजिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग. (फोटो: ट्विटर/@pid_gov).

बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बुधवार को कहा कि चीन कश्मीर की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और तथ्य स्पष्ट हैं. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि संबंधित पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए इस मामले को सुलझा सकते हैं. सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी.

शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए इस सप्ताह भारत की यात्रा करेंगे. शी ने खान को बीजिंग में एक बैठक में भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में बदलाव के बावजूद चीन और पाकिस्तान की मित्रता अटूट और चट्टान जैसी मजबूत है.

खान ऐसे समय में चीन की यात्रा पर यहां पहुंचे हैं जब पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है.

शी ने यहां सरकारी अतिथिगृह में खान से मुलाकात के दौरान कहा कि वह नए दौर में साझे भविष्य वाला चीन-पाकिस्तान समुदाय स्थापित करने की खातिर पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं.

खान ने शी को कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख के बारे में जानकारी दी और कहा कि पाकिस्तान कश्मीर पर चीन के वस्तुनिष्ट एवं निष्पक्ष नजरिए की बहुत कद्र और सराहना करता है.

शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने कहा, ‘शी ने खान से कहा कि चीन कश्मीर की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और तथ्य स्पष्ट हैं.’

इससे पहले सरकारी ‘चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क’ (सीजीटीएन) ने कहा, ‘राष्ट्रपति शी ने भरोसा दिलाया कि चीन कश्मीर में हालात पर नजर रखे हुए है.’

चैनल के अनुसार शी ने खान से कहा, ‘चीन पाकिस्तान के जायज हितों की रक्षा के लिए उसका समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि संबंधित पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए विवाद सुलझा सकते हैं.’

शी ने कहा कि चीन पाकिस्तान के साथ संबंधों को हमेशा राजनयिक प्राथमिकता मानता है और वह इसके मूल हितों से जुड़े मामलों एवं उसकी बड़ी चिंता पर उसका मजबूती से समर्थन करता रहेगा. उन्होंने दोनों पक्षों से उच्च स्तरीय वार्ता जारी रखने, रणनीतिक संवाद बढ़ाने और बड़े मामलों पर रुखों को समय के अनुसार समन्वित करने की अपील की.

शिन्हुआ ने बताया कि शी ने सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए आतंकवाद के खिलाफ प्रयास तेज करने का संकल्प लिया.

शी ने चीन और पाकिस्तान को सदा के लिए एक रणनीतिक सहयोग वाला साथी बताया और कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में क्या बदलाव आ रहे हैं, चीन और पाकिस्तान के बीच की मित्रता हमेशा अटूट और चट्टान की तरह मजबूत है. चीन और पाकिस्तान के बीच हमेशा से जीवंत सहयोग बना रहा है.’

इमरान खान पिछले वर्ष अगस्त माह में प्रधानमंत्री बने थे, उसके बाद से उनका यह तीसरा चीन दौरा है. उनका यह दौरा इस मायने में महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए 11 -12 अक्टूबर 2019 को भारत जा रहे हैं. शिखर वार्ता चेन्नई के समीप प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में होगी.

बीजिंग इस्लामाबाद का पुराना सहयोगी है. उसने कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान का समर्थन किया.

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा था, ‘ऐसा कोई एकतरफा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे यथास्थिति में परिवर्तन आता हो.’ हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मामले का समाधान भारत और पाकिस्तान को आपसी बातचीत से निकालना होगा. उसका यह रुख संयुक्त राष्ट्र तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में उसके हाल के संदर्भों से अलग है.

शुआंग की टिप्पणी कश्मीर को लेकर चीन के हाल के रुख में आए उल्लेखनीय बदलाव को दिखाती है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट शब्दों में यह कह दिया है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों और इसके तहत जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करना उसका आतंरिक मामला है.

भारत ने कहा है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है. खान से मुलाकात के दौरान शी ने कहा कि पाकिस्तान को बेहतर बनाने और उसके तेज विकास में चीन वाकई मदद देना चाहता है.

शिन्हुआ के मुताबिक शी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान में साझा समर्थन और सहायता की परंपरा है. उन्होंने कहा कि जब चीन परेशानी में था तब पाकिस्तान ने उसे नि:स्वार्थ सहायता दी. अब चीन विकसित हो गया है, ऐसे में वह वास्तव में पाकिस्तान की मदद करना चाहता है ताकि वह तेजी से विकास करे.

इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक खान ने कश्मीर मुद्दे पर शी और चीन की सरकार द्वारा ‘सिद्धांतों के अनुरूप रुख’ अपनाने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया. खान ने कहा कि चीन ने मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का साथ दिया.

प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक प्रधानमंत्री खान ने देश के वर्तमान हालात के बारे में शी को जानकारी दी. उन्होंने साथ ही बताया कि मुश्किल आर्थिक हालात से पाकिस्तान उबर गया है.

उन्होंने कहा, ‘ इस संबंध में हम चीन के वित्तीय सहयोग को कभी नहीं भूलेंगे.’ साथ ही यह भी कहा कि चीन ने पाकिस्तान को बिना किसी शर्त के मदद दी है.

खान ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान को बहुत मुश्किल हालात से निकलने में मदद दी है. उन्होंने 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत चीन के समर्थन की सराहना की. खान ने मंगलवार को यहां अपने समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की.