सीबीआई ने मुंबई की अदालत से कहा: चोकसी को भगोड़ा घोषित किया जाए

सीबीआई ने कहा, मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है ताकि अदालत की तरफ से जारी वारंट से बच सकें.

मेहुल चोकसी (फोटो साभार: गीतांजलि ज्वेल्स)

सीबीआई ने कहा, मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है ताकि अदालत की तरफ से जारी वारंट से बच सकें.

मेहुल चोकसी (फोटो साभार: गीतांजलि ज्वेल्स)
मेहुल चोकसी (फोटो साभार: गीतांजलि ज्वेल्स)

मुंबई: सीबीआई ने बीते गुरुवार को यहां की एक अदालत से आग्रह किया कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को भगोड़ा घोषित किया जाए. एजेंसी ने कहा कि वे गैर जमानती वारंट का जवाब देने में विफल रहे हैं.

सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश वीसी बारदे के समक्ष आवेदन देकर एजेंसी ने कहा कि मामले में पहली प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ही ‘खुद को छिपाने के लिए’ मेहुल चोकसी देश छोड़कर भाग गए.

एजेंसी ने कहा, ‘चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है ताकि अदालत की तरफ से जारी वारंट से बच सकें.’ सीबीआई ने गैर जमानती वारंट रद्द करने की चोकसी की याचिका का भी विरोध किया.

सीबीआई के वकील ए. लिमोसिन ने कहा, ‘आरोपी फरार है. उससे पूछताछ करना हमारा अधिकार है.’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर तक टाल दी.

सीबीआई ने अदालत से आग्रह किया कि चोकसी को भगोड़ा घोषित किया जाए और सीआरपीसी के तहत उनकी संपत्ति जब्त की जाए.

मालूम हो कि नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पर फर्जी तरीके से सहमति पत्र हासिल कर पीएनबी से 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने का आरोप है.

इससे पहले जून महीने में करैबियाई देश एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउनी ने कहा था कि भारतीय बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामले में फरार मेहुल चोकसी की नागरिकता रद्द की जा सकती है. इसके बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि उसे भारतीय अधिकारियों के हवाले किया जा सकता है.

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने इस साल जनवरी में भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी. चोकसी ने कैरिबियाई देश एंटीगुआ में अपने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया था.

बीते साल 13 दिसंबर को इंटरपोल ने भगोड़े अरबपति मेहुल चोकसी के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. रेड कॉर्नर नोटिस एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट है. इसमें इंटरपोल अपने सदस्य देशों से अन्य सदस्य देश में वांछित भगोड़े अपराधी को पकड़ने, हिरासत में लेने को कहता है.

सीबीआई ने पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और चोकसी दोनों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए हैं.

अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पीएनबी के 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में से चोकसी ने 7.080.86 करोड़ रुपये की और नीरव मोदी ने 6,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. पीएनबी फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई एवं ईडी कर रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)