वाहन कंपनियों के संगठन सियाम ने कहा घरेलू बाज़ार में यात्री वाहनों की बिक्री सितंबर महीने में 23.69 प्रतिशत गिरकर 2,23,317 कारों पर आ गई. पिछले साल इसी महीने 2,92,660 यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी.
नई दिल्ली: त्योहारी मौसम के बाद भी वाहन क्षेत्र की बिक्री को कोई मदद नहीं मिली और इसमें गिरावट बरकरार है. इसके कारण सितंबर में यात्री वाहनों की बिक्री में लगातार 11वें महीने गिरावट दर्ज की गई. वाहन कंपनियों के घरेलू संगठन सियाम (सोसाइटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
संगठन ने कहा कि नवरात्रि के दौरान मांग में कुछ तेजी दिखी और अब कुछ तेजी दिखने लगी है. इस बात की उम्मीद है कि सरकार के उपायों से इस तेजी को बनाए रखने में मदद मिलेगी.
सियाम के ताजा आंकड़ों के अनुसार, घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री सितंबर महीने में 23.69 प्रतिशत गिरकर 2,23,317 इकाइयों पर आ गई. पिछले साल इसी महीने 2,92,660 यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी.
अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान पिछले साल की तुलना में यात्री वाहनों की बिक्री में 23.56 प्रतिशत की गिरावट आई.
अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री में दो दशक से भी अधिक समय की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. अगस्त में इसमें 31.57 प्रतिशत की कमी आई थी.
सियाम के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य माह के दौरान कारों की घरेलू बिक्री सितंबर 2018 की 1,97,124 इकाइयों की तुलना में 33.40 प्रतिशत गिरकर 1,31,281 इकाइयों पर आ गई.
इस दौरान मोटरसाइकिलों की बिक्री पिछले साल की 13,60,415 इकाइयों की तुलना में 23.29 प्रतिशत कम होकर 10,43,624 इकाइयों पर आ गई. यह मोटरसाइकिलों की बिक्री का दो दशक का सबसे निचला स्तर है.
सितंबर के दौरान दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री 22.09 प्रतिशत गिरकर 16,56,774 इकाइयों पर आ गई. पिछले साल सितंबर में 21,26,445 दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी.
सियाम ने कहा कि इस दौरान व्यावसायिक वाहनों की बिक्री भी 39.06 प्रतिशत गिरकर 58,419 इकाइयों पर आ गई. पिछले साल सितंबर में 95,870 व्यावसायिक वाहनों की बिक्री हुई थी. व्यावसायिक वाहनों का जनवरी 2009 के बाद का यह सबसे बुरा प्रदर्शन है.
सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा कि यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट के कारण अर्थव्यवस्था की सुस्ती, नरम ग्रामीण मांग तथा बिहार, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र जैसे मुख्य बाजारों का बाढ़ प्रभावित रहना है.
हालांकि उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई कि अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों से अगले कुछ महीनों में वाहन उद्योग में तेजी देखने को मिल सकती है.
मालूम हो कि बीते सितंबर महीने में कारों की बिक्री में 17 से 55 फीसदी तक आई कमी है.
सितंबर महीने में देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री 24.4 फीसदी, महिंद्रा की बिक्री 21 फीसदी, बजाज ऑटो की कुल बिक्री 20 प्रतिशत, अशोक लेलैंड की बिक्री 55 फीसदी और टोयोटा किर्लोस्कर की बिक्री 17 फीसदी तक घट गई.
वाहन बिक्री में गिरावट की वजह से देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने हरियाणा में गुड़गांव और मानेसर स्थित निर्माण इकाइयों में दो दिन- सात से नौ सितंबर तक उत्पादन रोकने का फैसला लिया था.
मारुति सुजुकी इंडिया ने नरमी को देखते हुए सितंबर में अपना उत्पादन 17.48 प्रतिशत घटा दिया. यह लगातार आठवां महीना है जब कंपनी ने अपना उत्पादन कम किया है.
मारुति सुजुकी इंडिया ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा था कि कंपनी ने सितंबर महीने में 1,32,199 कारों का उत्पादन किया, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह संख्या 1,60,219 थी.
वाहन बनाने वाली देश की एक अन्य प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स ने इस साल के पहले नौ महीने में कम कीमत वाली अपनी नैनो कार की एक भी इकाई का उत्पादन नहीं किया है. कंपनी ने फरवरी में केवल एक कार की ही बिक्री की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)