अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय में एक लेक्चर के दौरान पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बिना सोच-विचार के नोटबंदी लाने और बुरी तरह से जीएसटी लागू करने की वजह से भारत इस समय आर्थिक सुस्ती की दौर से गुजर रहा है.
![रघुराम राजन (फोटो:रॉयटर्स)](https://hindi.thewire.in/wp-content/uploads/2018/11/Raghuram-Rajan-Reuters.jpg)
नई दिल्ली: पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बहुसंख्यकवाद और अधिनायकवाद भारत को अंघकारमय रास्ते पर ले जा रहा है. राजन ने संस्थाओं को कमजोर करने का भी आरोप लगाया है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रघुराम राजन ने बीते नौ अक्टूबर को अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय में ओपी जिंदल लेक्चर के दौरान कहा कि बिना सोच-विचार के नोटबंदी लाने और बुरी तरह से जीएसटी लागू करने की वजह से भारत इस समय आर्थिक सुस्ती की दौर से गुजर रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बेहद चिंताजनक स्थिति में है. वृद्धि दर काफी कम है और कर्ज का स्तर बढ़ता जा रहा है.
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सरकार की आर्थिक नीतियां टिकाऊ नही हैं और इसकी लोकलुभावन नीतियां भारत को लैटिन अमेरिका के रास्ते ले जा सकती है.
रघुराम राजन ने देश के राजकोषीय घाटे को लेकर गहरी चिंता हुए कहा कि बढ़ता राजकोषीय घाटा एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को एक बेहद ‘चिंताजनक’ अवस्था की तरफ धकेल रहा है.
उन्होंने कहा, ‘पिछले कई साल तक अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय स्तर पर सुस्ती आई है. साल 2016 की पहली तिमाही में विकास दर 9 प्रतिशत रही थी, वह अब घटकर 5.3 फीसदी पर आ गई है.’
रघुराम राजन ने कहा कि आर्थिक दृष्टिकोण की कमी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. उन्होंने कहा कि दृष्टिकोण में अनिश्चितता है और इसी वजह से देश आर्थिक सुस्ती का सामना कर रहा है. सरकार विकास की गति बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है.