विश्व महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप के फाइनल में 20 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज मंजू रानी एकमात्र भारतीय थीं. वहीं, हार के बावजूद एमसी मैरीकॉम ने महिला विश्व चैम्पियनशिप में सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकार्ड अपने नाम किया.
उलान उदे: भारतीय मुक्केबाज मंजू रानी को विश्व महिला बॉक्सिंग चैम्पियनशिप के फाइनल में मिली पराजय के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. हरियाणा की इस मुक्केबाज को लाइट फ्लायवेट (48 किलो) वर्ग के फाइनल में रूस की एकातेरिना पाल्सेवा ने 4-1 से हराया.
20 वर्षीय रानी फाइनल में एकमात्र भारतीय थी. इससे पहले छह बार की चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (51 किलो), जमुना बोरो (54 किलो) और लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. बोरगोहेन का यह लगातार दूसरा कांस्य पदक था.
रानी और उनकी प्रतिद्वंद्वी ने पहले दौर से ही आक्रामक खेल दिखाया. पहले तीन मिनट में रूसी मुक्केबाज ने दमदार मुक्के लगाये.
दूसरे दौर में रानी ने अच्छे जवाबी हमले किये और स्थानीय मुक्केबाज पर भारी पड़ी. आखिरी तीन मिनट में दोनों ने संभलकर खेला. रूसी मुक्केबाज को बेहतर रिफ्लैक्सेस के कारण विजेता घोषित किया गया.
रानी ने इस साल पंजाब के लिये राष्ट्रीय खिताब जीतकर राष्ट्रीय शिविर में जगह बनाई थी. उसने इस साल पहली बार स्ट्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट खेलते हुए रजत पदक जीता.
रोहतक के रिठाल फोगाट गांव की रहने वाली रानी के पिता सीमा सुरक्षा बल में अधिकारी थे जिनका कैंसर के कारण 2010 में निधन हो गया था.
इससे पहले छठी वरीयता प्राप्त मंजू रानी ने सेमीफाइनल में थाईलैंड की चुटहामत रखसत को 4-1 से शिकस्त दी थी.
वहीं, तीसरी वरीयता प्राप्त मैरीकॉम को यूरोपीय चैम्पियनशिप और यूरोपीय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लू से 1-4 से पराजय झेलनी पड़ी. जमुना बोरो को शीर्ष वरीय और एशियाई खेलों की कांस्य पदकधारी चीनी ताइपे की हुआंग सियाओ वेन से 0-5 से हार मिली.
भारतीय दल ने मैरीकॉम के फैसले का रिव्यू मांगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की तकनीकी समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी.
How and why. Let the world know how much right and wrong the decision is….https://t.co/rtgB1f6PZy. @KirenRijiju @PMOIndia
— M C Mary Kom OLY (@MangteC) October 12, 2019
मैरीकॉम ने हार के बाद ट्वीट किया, ‘क्यो और कैसे. दुनिया को यह पता लगे कि यह फैसला कितना सही था या कितना गलत.’
पहले दौर में मैरीकॉम ने अच्छे जवाबी हमले किये और काकिरोग्लू अपने कद का फायदा नहीं उठा सकी. दूसरे दौर में हालांकि उसने शानदार वापसी की. आखिरी तीन मिनट में तुर्की की मुक्केबाज ने दबाव बना लिया.
इस हार के बावजूद मैरीकॉम ने महिला विश्व चैम्पियनशिप में सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकार्ड अपने नाम किया. यह विश्व चैम्पियनशिप का उनका आठवां और 51 किलोवर्ग में पहला पदक है.
भारत के सहायक कोच और मैरीकॉम के ट्रेनर छोटेलाल यादव ने कहा, ‘मेरी ने बेहतरीन खेल दिखाया और उसे जीतना चाहिये था. हम इस फैसले से स्तब्ध हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)