उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के उम्भा गांव में हुए 11 आदिवासियों के नरसंहार पर पुलिस ने स्थानीय अदालत में 51 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है.
लखनऊः उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में 90 बीघा जमीन पर क़ब्ज़े को लेकर खूनी संघर्ष में 11 आदिवासी किसानों की मौत के मामले में दर्ज चार्जशीट में नए खुलासे हुए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में कहा गया है कि उम्भा गांव के प्रधान यज्ञदत्त, उनके भाइयों निधिदत्त, देवदत्त, धर्मेंद्र और एक अन्य शख्स विजय ने आदिवासियों पर गोलीबारी की थी. रेलवे के एक कर्मचारी ने घटना वाले दिन यज्ञदत्त को 16 बार जबकि धर्मेंद्र को 17 बार फोन किया था.
उम्भा में 17 जुलाई को जमीन विवाद में 11 आदिवासियों की हत्या के मामले में सोमवार को दर्ज चार्जशीट में ये बातें कही गई हैं.
चार्जशीट के मुताबिक, निधिदत्त के घायल होने के बाद एक अन्य आरोपी नीरज राय ने अपनी बंदूक से गोलीबारी की.
चार्जशीट में कहा गया कि इस मामले में कोमल सिंह मुख्य साजिशकर्ता थे, जिन्हें भदोही रेलवे स्टेशन के स्टेशन सुपरिटेंडेंट के पद से बर्खास्त किया गया था.
कोमल ने घटना के समय यज्ञदत्त और धर्मेंद्र से पांच-पांच बार बात की थी.
सोनभद्र पुलिस ने 51 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. पुलिस ने 65 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो सोनभद्र की जिला जेल में बंद हैं.
पुलिस को 10 लोगों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले और इस संबंध में अदालत में एक याचिका दायर की गई. चार अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर किया जाना बाकी है.
सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रभाकर चौधरी ने कहा कि 123 लोगों के वैज्ञानिक साक्ष्यों और बयानों के आधार पर चार्जशीट तैयार की गई.
चौधरी ने कहा, ‘इसमें 59 लोगों की भूमिका का पता चला. 55 को गिरफ्तार किया गया और चार फरार हैं. सोमवार को सोनभद्र की स्थानीय अदालत में 51 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए 24 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है.’
अधिकतर आरोपी यज्ञदत्त के रिश्तेदार हैं. पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 34 और 120बी के तहत दायर की है. इसके साथ ही अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियिम और आर्म्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया.
गौरतलब है कि यह घटना सुदूर घोरावल के उभा गांव की है. गांव के प्रधान ने दो साल पहले 90 बीघा जमीन खरीदी थी. वह अपने कुछ सहयोगियों के साथ जमीन पर कब्जा करने गया था. इसका गांव वालों ने विरोध किया था. परिणामस्वरूप, प्रधान के लोगों ने फायरिंग कर दी जिसमें तीन महिलाओं सहित दस गांव वालों की मौत हो गई.
इस दौरान पुलिस ने पांच बंदूकें, 19 ट्रैक्टर और 12 डंडे जब्त किए थे.