आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की एक अदालत ने ईडी को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम से पूछताछ करने और गिरफ़्तार करने की अनुमति दी थी. हालांकि, अदालत ने ईडी को चिदंबरम से राउज एवेन्यू अदालत परिसर में पूछताछ की इजाजत देने से इनकार करते हुए कहा था कि सार्वजनिक रूप से गिरफ़्तार करना उनके सम्मान के लिहाज से ठीक नहीं है.
नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की तिहाड़ जेल में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सुबह करीब 8:15 बजे जेल पहुंचे केंद्रीय एजेंसी के जांचकर्ता करीब दो घंटे तक परिसर में मौजूद रहे. उन्होंने संक्षिप्त रूप से चिदंबरम से पूछताछ की और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार कर लिया. केंद्रीय एजेंसी अब अदालत से दोबारा हिरासत की मांग करेगी.
INX Media case: Congress leader P Chidambaram arrested by Enforcement Directorate after questioning at Delhi's Tihar Jail pic.twitter.com/Zp7Xqj3KXl
— ANI (@ANI) October 16, 2019
अधिकारियों ने बताया कि यहां एक स्थानीय अदालत के मंगलवार को केंद्रीय जांच एजेंसी को मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से पूछताछ करने की अनुमति देने के बाद प्रवर्तन निदेशालय की जांच टीम तिहाड़ जेल पहुंची थी. अदालत ने मंगलवार को ईडी को आवश्यकता पड़ने पर चिदंबरम को गिरफ्तार करने की अनुमति भी दे दी थी.
अदालत ने कहा कि ईडी की रिमांड का आवेदन इस समय थोड़ा जल्दबाजी वाला है. अदालत के आदेश के बाद ईडी ने चिदंबरम से राउज एवेन्यू अदालत परिसर में उपलब्ध किसी जगह पर पूछताछ की अनुमति मांगी.
हालांकि अदालत ने कहा, ‘यह इस व्यक्ति के सम्मान के लिहाज से ठीक नहीं है कि आप उनसे पूछताछ करें और यहां सार्वजनिक रूप से गिरफ्तार करें.’
Delhi: Karti Chidambaram and Nalini Chidambaram also reached Tihar jail. #INXMediaCase https://t.co/G4nySW8HDV pic.twitter.com/5sv95lUKop
— ANI (@ANI) October 16, 2019
चिदंबरम की पत्नी नलिनी और बेटे कार्ति भी तिहाड़ जेल परिसर पहुंचते देखे गए. कांग्रेस नेता करीब 55 दिन सीबीआई और न्यायिक हिरासत में बिता चुके हैं. 21 अगस्त को उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था.
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया है. चिदंबरम 2004 से 2014 तक संप्रग-1 और संप्रग-2 सरकारों के दौरान केंद्रीय वित्त और गृह मंत्री थे.
वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2017 में इस संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया था.
चिदंबरम का आरोप, उन्हें अपमानित करने के लिये जेल में रखना चाहती है सीबीआई
आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जमानत का अनुरोध करते हुये मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि सीबीआई सिर्फ उन्हें अपमानित करने के लिये ही हिरासत में रखना चाहती है.
जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूर्व वित्तमंत्री या उनके परिवार के सदस्यों पर ऐसा कोई आरोप नहीं है कि उन्होंने कभी इस मामले के गवाहों को प्रभावित करने या उनसे संपर्क करने का प्रयास किया हो.
उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार के आर्थिक नुकसान या धन हड़पने जैसा भी कोई आरोप नहीं है. दोनों अधिवक्ताओं ने कांग्रेस नेता की जमानत रद्द करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले के निष्कर्षो पर भी सवाल उठाये और कहा कि जमानत याचिका पर फैसला करते समय उसे मामले के गुण दोषों में नहीं जाना चाहिए था.
न्यायालय ने कहा कि वह बुधवार को जांच ब्यूरो की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनेगा.
पूर्व वित्त मंत्री ने इस मामले में उन्हें जमानत देने से इंकार करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है. चिदंबरम ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें लगातार जेल में बंद रखना ‘सजा के रूप’ में है और अज्ञात तथा अपुष्ट आरोपों के आधार पर किसी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता है.
सीबीआई ने चिदंबरम को जमानत देने से इंकार करने संबंधी उच्च न्यायालय के उन निष्कर्षो को सोमवार को शीर्ष अदालत में चुनौती दी जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस के इस नेता के भागने का खतरा नहीं है और वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते.
उच्च न्यायालय ने कहा था कि उनके भागने के खतरे और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की संभावना के पहलू चिदंबरम के पक्ष में जबकि गवाहों को प्रभावित करने संबंधी तीसरा बिन्दु उनके खिलाफ जाता है. सीबीआई ने 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया था और इस समय वह 17 अक्टूबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)