आईएनएक्स मीडिया मामला: सीबीआई ने पी. चिंदबरम, कार्ति और अन्य के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दायर किया

दिल्ली की अदालत में दायर आरोप-पत्र में सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में क़रीब 10 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने का आरोप लगाया है. वहीं, अंतिम रिपोर्ट में आरोपी से सरकारी गवाह बनीं इंद्राणी मुखर्जी का भी नाम है.

New Delhi: Senior Congress leader and finance minister P. Chidambaram after he was produced in a CBI court in INX media case in New Delhi, Thursday, Aug 22, 2019. PTI Photos
New Delhi: Senior Congress leader and finance minister P. Chidambaram after he was produced in a CBI court in INX media case in New Delhi, Thursday, Aug 22, 2019. PTI Photos

दिल्ली की अदालत में दायर आरोप-पत्र में सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में क़रीब 10 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने का आरोप लगाया है. वहीं, अंतिम रिपोर्ट में आरोपी से सरकारी गवाह बनीं इंद्राणी मुखर्जी का भी नाम है.

New Delhi: Senior Congress leader and finance minister P. Chidambaram after he was produced in a CBI court in INX media case in New Delhi, Thursday, Aug 22, 2019. PTI Photos
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में शुक्रवार को एक आरोप-पत्र दायर किया. यह आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश लाल सिंह के समक्ष दायर किया गया.

इस आरोप-पत्र में पीटर मुखर्जी, चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्करमण, नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय में पूर्व सचिव अनूप के पुजारी, प्रबोध सक्सेना, रबिंद्र प्रसाद, आईएनएक्स मीडिया, एएससीएल और चैस मैनेजमेंट सर्विसेज को भी आरोपी बनाया गया है.

अंतिम रिपोर्ट में आरोपी से सरकारी गवाह बनी इंद्राणी मुखर्जी का भी नाम है. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ इस मामले पर 21 अक्टूबर को विचार करेंगे.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जांच एजेंसी ने दावा किया कि चिदंबरम ने भारत में रिश्वत के बदले आईएनएक्स मीडिया और आईएनएक्स न्यूज़ प्राइवेट लिमिटेड के एफआईडी प्रस्ताव को मंजूरी देने और अपतटीय भुगतानों के माध्यम से अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया.

आरोप-पत्र के दावे के अनुसार, जांच में पता चला है कि कार्ति ने विभिन्न सलाहकारों की फीस और भुगतान की आड़ में अवैध भुगतान प्राप्त करने के लिए एक मुखौटा कंपनी एएससीपीएल बनाई थी.  आईएनएक्स मीडिया ने एएससीपीएल के खाते में अवैध रूप से 9.96 लाख रुपये का भुगतान भी किया था.

इसमें इंद्राणी मुखर्जी का बयान भी शामिल है, जिन्होंने आईएनएक्स मीडिया और आईएनएक्स न्यूज प्राइवेट लिमिटेड में एफडीआई प्रस्ताव को मंजूरी देने और अपतटीय भुगतान के माध्यम से भारत में रिश्वत  लेने के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री और उनके बेटे कार्ति द्वारा निभाई गई भूमिका का खुलासा किया था.

आरोप-पत्र में आगे कहा गया, इसके अलावा इस कंपनी ने विदेशी मुद्रा रखरखाव अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में एफआईपीबी से मंजूरी के बिना प्राप्त एफडीआई राशि से सहयोगी कंपनी आईएनएक्स न्यूज़ प्राइवेट लिमिटेड में अवैध रूप से 40.91 करोड़ रुपये का निवेश किया.

इससे पहले चिदंबरम को जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर शुक्रवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई पूरी हो गयी. इस मामले मे फैसला बाद में सुनाया जायेगा.

न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो और चिदंबरम की ओर से दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा.

सीबीआई की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुये कहा कि देश को अब भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने की आवश्यकता है.

उन्होने कहा कि इस मामले में जांच में चिदंबरम के खिलाफ जालसाजी का अपराध भी बना है.

सालिसीटर जनरल ने कहा कि इस मामले में आगे जांच चल रही है और सिंगापुर तथा मारीशस को भेजे गये अनुरोध पत्र पर जवाब की प्रतीक्षा है.

मेहता ने कहा कि गवाहों को डराने के लिये चिदंबरम की ‘सिर्फ उपस्थिति’ ही काफी है. इसलिए उन्हें मुख्य गवाहों से पूछताछ पूरी होने तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए.

मेहता ने पीठ से कहा, ‘हम ऐसा वक्त देख रहे हैं जिसमे आर्थिक अपराधों के आरोपी देश छोड़कर भाग रहे हैं. एक राष्ट्र के रूप में हम इस समस्या का सामना कर रहे हैं.’

चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मेहता के कथन का प्रतिवाद किया और कहा कि इस पूर्व मंत्री द्वारा साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने या गवाहों को प्रभावित करने की जांच एजेन्सी की आशंका गलत और निराधार है.

अदालत ने आईएनएक्स धन शोधन मामले में बृहस्पतिवार को चिदंबरम को 24 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया था, ‘ताकि मामले को एक तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए उचित जांच हो सके.’

विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को चिदंबरम से सात दिन तक पूछताछ करने की अनुमति दी है.

ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि छह सितंबर से एजेंसी ने 12 गवाहों से पूछताछ की और अंतिम पूछताछ नौ अक्टूबर को हुई. साथ ही उन्होंने कहा कि इस दौरान ईडी ने कुछ अतिरिक्त सबूत भी जमा किए.

उन्होंने कहा कि आरोपी ने आत्मसमर्पण करने के लिए पांच सितंबर को एक याचिका दायर की थी जिसका उस वक्त जांच एजेंसी ने इस आधार पर विरोध किया था कि ईडी धन शोधन के विभिन्न पहलुओं की जांच कर रही थी और हिरासत में लेकर पूछताछ करने से पहले उनकी प्रभावी एवं अर्थपूर्ण जांच जरूरी थी.

साथ ही अदालत ने आईएनएक्स भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की ओर से दायर मामले में चिदंबरम की न्यायिक हिरासत की अवधि 24 अक्टूबर तक बढ़ा दी.

संप्रग सरकार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री भी रह चुके चिदंबरम को 21 अगस्त को जोर बाग स्थित उनके निवास से सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था.

सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज कर आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि प्राप्त करने के लिए दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाया था. उस वक्त चिदंबरम वित्त मंत्री थे.

कार्ति चिदंबरम ने कहा, हमें दोषमुक्त होने का भरोसा है

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति ने उनके परिवार के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई को शुक्रवार को ‘चुनिंदा तरीके से निशाना बनाने’ वाला बताया और साथ ही दोषमुक्त होने का भरोसा जताया.

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली की एक अदालत में सीबीआई द्वारा दायर आरोप-पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें राजनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए थोपे गए मामले में न्यायिक प्रक्रिया के जरिए दोषमुक्त होने का भरोसा है.’

तमिलनाडु में शिवगंगा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद कार्ति ने बताया कि उनके पिता ‘इन घटनाक्रमों से व्याकुल नहीं है और वह कानून की अदालत में मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार हैं. वह मानसिक रूप से मजबूत हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)