अमित शाह ने सुरक्षा बलों को दफ्तरों में सरदार पटेल की तस्वीर लगाने का आदेश दिया

एक अन्य आदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी अर्द्धसैनिक बलों को निर्देश दिया है कि वे अपने कैंटीन और कार्यालयों में विदेशी ब्रांड का त्याग कर स्वदेशी सामान अपनाएं. हालांकि, मंत्रालय ने इन बलों और अर्द्धसैनिक बल की जीएसटी में छूट की मांग को ठुकरा दिया है.

The Union Home Minister, Shri Amit Shah addressing the inaugural session of the 14th Annual Convention of the Central Information Commission, in New Delhi on October 12, 2019.

एक अन्य आदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी अर्द्धसैनिक बलों को निर्देश दिया है कि वे अपने कैंटीन और कार्यालयों में विदेशी ब्रांड का त्याग कर स्वदेशी सामान अपनाएं. हालांकि, मंत्रालय ने इन बलों और अर्द्धसैनिक बल की जीएसटी में छूट की मांग को ठुकरा दिया है.

The Union Home Minister, Shri Amit Shah addressing the inaugural session of the 14th Annual Convention of the Central Information Commission, in New Delhi on October 12, 2019.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ और बीएसएफ समेत केंद्रीय सुरक्षा बलों को देश की सुरक्षा और एकता सुनिश्चित करने के संकल्प के साथ अपने कार्यालयों में सरदार पटेल की तस्वीर लगाने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

गृह मंत्री ने सभी केंद्रीय सुरक्षा बलों को ‘भारत की सुरक्षा और एकता को हम अक्षुण्य रखेंगे’ संदेश के साथ पटेल की तस्वीर लगाने का निर्देश दिया है. यह निर्देश 31 अक्टूबर को पटेल की जयंती से पहले दिया गया है.

पटेल भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री थे. उन्हें 560 से अधिक रियासतों के भारतीय संघ में विलय का श्रेय दिया जाता है.

गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ को कैंटीन, कार्यालय में ‘स्वदेशी’ सामान अपनाने का निर्देश दिया

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी सीएपीएफ या अर्द्धसैनिक बलों को निर्देश दिया है कि वे अपने कैंटीन और कार्यालयों में विदेशी ब्रांड का त्याग कर ‘स्वदेशी’ सामान अपनाएं. इसमें खाद्य सामग्री से लेकर, घर के सामान और कपड़े तक शामिल करने के लिए कहा गया है.

गृह मंत्रालय ने देश भर में 1700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन के लिए आर्थिक सहयोग बढ़ाने का भी निर्णय किया है. साथ ही मंत्रालय ने इन बलों और अर्द्धसैनिक बल की इस मांग को ठुकरा दिया है जिसमें इन स्टोर के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट की मांग की गई है.

मंत्रालय की तरफ से जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि इन कैंटीन में ‘स्वदेशी’ सामान उपलब्ध कराया जाना चाहिए जिनमें खाद्य सामग्री, कपड़े आदि शामिल हों.

आदेश में कहा गया है कि इन स्टोर में नयी खरीद ‘स्वदेशी’ सामानों की होनी चाहिए और वर्तमान सामान को स्वदेशी सामान से बदल दिया जाना चाहिए.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘इस आदेश का उद्देश्य इन सामानों के स्थानीय उत्पादकों की आय में सुधार लाना और स्थिति को बेहतर करना है. यह स्वदेशी उत्पादों और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए है. इन बलों में वर्तमान में करीब 10 लाख कर्मी हैं और प्रति वर्ष वे कैंटीन के लिए करोड़ों रुपये के सामान खरीदते हैं.’

अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया है कि सीपीसी के लिए जीएसटी में छूट के बजाए केंद्र सरकार ‘बजट सहायता के मार्फत सीपीसी की क्षतिपूर्ति करेगा.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बता दें कि, सीपीसी में किराने का सामान, सैनिकों द्वारा खरीद के लिए तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान और घरेलू आवश्यक वस्तुएं शामिल होती हैं.

हालांकि, सेना, नौसेना और वायु सेना के रक्षा कैंटीन (कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट) जीएसटी के तहत छूट का आनंद लेते हैं.

अधिकारी ने कहा, ये बल और सीएपीएफ के दिग्गज इन सीपीसी के लिए जीएसटी में छूट की मांग कर रहे हैं, ताकि सीमाओं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों जैसे बहुत कठिन ड्यूटी वाले क्षेत्रों और असहाय इलाकों में काम करने वाले कार्मिक घरेलू वस्तुओं को मामूली दरों पर खरीद सकें और गृह मंत्रालय द्वारा तैयार की गई नई व्यवस्था सुनिश्चित हो सके. उन्होंने कहा कि दरें और स्टॉक अतीत की तरह संतोषजनक बने हुए हैं.

सीपीसी को 2006 में स्थापित किया गया था और 2016-17 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार उनका वार्षिक कारोबार 1,607 करोड़ रुपये था.

सीमा, नक्सल हिंसा प्रभावित या उग्रवाद प्रभावित राज्यों के अंदरूनी हिस्से जैसे विभिन्न स्थानों पर जहां भी  ये बल तैनात हैं वहां पर 119 से अधिक मास्टर कैंटीन और 1,625 सहायक कैंटीन हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)