अल्पेश ठाकोर के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले बायड सीट के विधायक धवल सिंह झाला को भी कांग्रेस के जशु पटेल से हार का सामना करना पड़ा है.
नई दिल्ली: कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थामने वाले अल्पेश ठाकोर की गुजरात की राधनपुर विधानसभा उपचुनाव में हार हुई है.
हिंदुस्तान के अनुसार, कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी रघु देसाई के हाथों लगभग तीन हजार मतों से हुई हार के बाद ठाकोर ने अपने पराजय को जातिवादी तत्वों का एक षडयंत्र करार दिया. उन्होंने कहा कि वह चुप नहीं बैठेंगे और आने वाले समय में इसका करारा जवाब देंगे.
बता दें कि इसी सीट पर पिछली बार कांग्रेस की टिकट पर जीते ठाकोर ने पार्टी पर कुछ माह पहले धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए नाटकीय अंदाज में केंद्रीय सचिव तथा बिहार सह-प्रभारी समेत सभी पदों को छोड़ने की घोषणा कर दी थी.
जुलाई माह में राज्यसभा उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने के बाद उन्होंने विधायक पद और कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था. भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था.
ठाकोर के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले बायड सीट के विधायक धवल सिंह झाला को भी कांग्रेस के जशु पटेल के हाथों लगभग सात सौ मतों के करीबी अंतर से हार का सामना करना पड़ा है.
इस तरह इन दोनो सीटों पर दोनो दलबदलू पूर्व विधायकों की हार के बावजूद कांग्रेस ने इन पर कब्जा बरकरार रखा है.
गुजरात की छह विधानसभा सीटों में से अन्य चार में से एक खेरालु में भाजपा के अजलम ठाकोर ने कांग्रेस के बाबूजी ठाकोर को 29 हजार से अधिक मतों से तथा लुनावड़ा में भाजपा के जिग्नेश सेवक ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के गुलाबसिंह चौहाण को 12 हजार से अधिक मतों से हराया है. दोनो सीटें पिछली बार भी भाजपा ने जीती थीं.
राज्य सरकार के मंत्री रहे तथा पिछले लोकसभा चुनाव में बनासकांठा सीट के सांसद बन गये परबत पटेल की सीट थराद में भी कांग्रेस के गुलाब राजपूत ने भाजपा के जीवराज पटेल को चार हजार से अधिक मतों से पराजित कर दिया है.
अमराईवाड़ी सीट पर रस्साकशी भरी जंग के बीच भाजपा के जगदीश पटेल अंतिम चरणों की गिनती में कांग्रेस के धमेर्न्द्र पटेल से बारीक बढ़त बना ली है. यह सीट पिछली बार भाजपा के कब्जे में थी.