ओडिशा सरकार के प्रधान सचिव एकेके मीणा ने पीएमसी बैंक घोटाले और कुछ अन्य वित्तीय संस्थानों की खस्ता होती वित्तीय हालत के बाद सरकारी विभागों को एक पत्र लिखा है.
मुंबईः ओडिशा के एक नौकरशाह ने सरकारी विभागों को संभावित जोखिमों के मद्देनजर बैंकों में पैसा रखने के प्रति आगाह किया है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नाराजगी जताई है.
अधिकारी के इस रवैये से आरबीआई ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि इस तरह के संदेशों के प्रसार से आम जनता में डर का माहौल बनेगा.
रिजर्व बैंक की इस प्रतिक्रिया के बाद ओडिशा सरकार में प्रधान सचिव एकेके मीणा ने सफाई देते हुए शुक्रवार को स्पष्टीकरण जारी किया.
मीणा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में किसी भी बैंक की वित्तीय सेहत पर कोई विचार नहीं रखती.
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत मीणा द्वारा सोमवार को सरकारी विभागों को लिखे पत्र से हुई. मीणा ने सरकारी विभागों को लिखे पत्र में कुछ अखबारों की उन खबरों की ओर ध्यान दिलाया जिनमें बैंकों की वित्तीय सेहत के बारे में बताया गया था.
मीणा ने विभागों से कहा कि वे बैंकों में पैसा जमा कराते समय सतर्कता बरतें.
मुंबई के पीएमसी बैंक घोटाले और कुछ अन्य वित्तीय संस्थानों की खस्ता होती वित्तीय हालत के बाद मीणा ने यह पत्र लिखा था.
उन्होंने पत्र में लिखा था कि यदि कोई विभाग बैंक में पैसा जमा करता है तो यह उस संबंधित विभाग या अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी.
इसके जवाब में रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, ‘आप इस बात से सहमत होंगे कि यदि कोई जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति बैंकों की वित्तीय सेहत के बारे में कोई परामर्श जारी करता है, तो इससे आम जनता में भय पैदा हो सकता है. साथ ही इससे वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को कुछ अवांछित परिणाम झेलने पड़ सकते हैं.’