मनोहर लाल खट्टर दूसरी बार लेंगे हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ

भाजपा नेता मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हमने हरियाणा में सरकार बनाने का दावा किया है. राज्यपाल ने हमारे प्रस्ताव को स्वीकार कर हमें आमंत्रित किया है. पहली बार चुनाव मैदान में उतरी और 10 सीट जीतने वाली जेजेपी ने भाजपा को समर्थन दिया है.

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मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला. (फोटोः पीटीआई)

भाजपा नेता मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हमने हरियाणा में सरकार बनाने का दावा किया है. राज्यपाल ने हमारे प्रस्ताव को स्वीकार कर हमें आमंत्रित किया है. पहली बार चुनाव मैदान में उतरी और 10 सीट जीतने वाली जेजेपी ने भाजपा को समर्थन दिया है.

New Delhi: Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar and JJP leader Dushyant Chautala during a press conference in New Delhi, Friday, Oct. 25, 2019. (PTI Photo/Kamal Singh)(PTI10_25_2019_000216B)
दुष्यंत चौटाला और मनोहर लाल खट्टर. (फोटो: पीटीआई)

चंडीगढ़: हरियाणा में सरकार बनाने के लिए मनोहर लाल खट्टर को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. रविवार को वह दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

हरियाणा भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है, ‘मनोहर लाल जी कल (रविवार) दोपहर 2:15 बजे चंडीगढ़ राजभवन में हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार लेंगे शपथ.’

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘हमने हरियाणा में सरकार बनाने का दावा किया है. राज्यपाल ने हमारे प्रस्ताव को स्वीकार कर हमें आमंत्रित किया है. मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. कल (रविवार) को राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा.’

उप-मुख्यमंत्री के पद को लेकर अभी किसी का नाम तय नहीं किया गया है. ऐसी खबरें थीं कि जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला को उप-मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. फिर ये भी खबर आई कि उनकी मां नैना चौटाला को उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन इस संबंध में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

बता दें की 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिल सकी हैं. वहीं हरियाणा में अपने पहले ही चुनाव में 10 सीटों और पंद्रह फीसदी वोट शेयर के साथ दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने मज़बूत उपस्थिति दर्ज की है.

रविवार सुबह भाजपा विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया है. भाजपा प्रभारी अनिल जैन द्वारा खट्टर के नाम का प्रस्ताव रखा गया, जिसके बाद उन्हें औपचारिक रूप से नेता चुना गया.

इस बैठक में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और वरिष्ठ नेता अरुण सिंह भी मौजूद थे. इसके बाद मनोहर लाल खट्टर ने राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया.

इससे पहले शुक्रवार शाम को दिल्ली में जेजेपी ने भाजपा के साथ गठबंधन किया है. 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में पहली बार उतरी जेजेपी ने 10 सीटें जीती हैं.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला के साथ आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा से और उप-मुख्यमंत्री क्षेत्रीय दल जेजेपी से होगा.

शाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘हरियाणा में मतदाताओं के जनादेश के साथ जाते हुए दोनों पार्टियों ने निर्णय किया है कि भाजपा और जेजेपी साथ मिलकर सरकार बनाएंगी. मुख्यमंत्री भाजपा से होगा जबकि उप-मुख्यमंत्री जेजेपी से होगा.’

उन्होंने कहा कि गठबंधन जनादेश की ‘भावना’ के अनुरूप है. संवाददाता सम्मेलन में शाह और चौटाला के अलावा खट्टर और भाजपा के अन्य नेता मौजूद थे.

चौटाला ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि हरियाणा में स्थिरता के लिए गठबंधन जरूरी था. गुरुवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना में भाजपा को 40 सीटें मिलने के बाद पार्टी के शीर्ष नेता सक्रिय हो गए थे.

भाजपा का सीटों का आंकड़ा बहुमत से छह कम रह गया था. हालांकि, सात निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा को समर्थन की घोषणा की है.

भाजपा नेताओं को भरोसा है कि इंडियन नेशनल दल (इनेलो) के एकमात्र विधायक अभय चौटाला भी सरकार का समर्थन करेंगे.

जेजेपी के साथ आने से यह भी सुनिश्चित होगा कि भाजपा को सरकार के बनाए रखने के लिए निर्दलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.

इस बीच कांग्रेस ने जेजेपी के भाजपा से गठबंधन की आलोचना की है. पार्टी ने जेजेपी को भाजपा की बी-टीम कहा है.

पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘आख़िर ‘ढोल की पोल’ खुल ही गई. जेजेपी-लोकदल भाजपा की ‘बी’ टीम थे, है और सदैव रहेंगे. जब भाजपा को समाज का बंटवारा कर सत्ता हासिल करनी हो तो कभी राजकुमार सैनी और कभी जेजेपी-लोकदल कठपुतली बन साथ खड़े हो जाएंगे. जनता अब तो असलियत जान गई है व पहचान गई है.’

एक अन्य ट्वीट में सुरजेवाला ने कहा, ‘सच्चाई ये है कि खट्टर सरकार को जनता ने जनमत से दरकिनार किया. सच्चाई ये भी है की जेजेपी-भाजपा के खिलाफ लोगों से जनमत मांग 10 विधायक जीत कर आई. सच्चाई ये भी है कि जेजेपी ने वायदा किया कि कभी भाजपा से गठबंधन नहीं करेंगे. सच्चाई ये भी है कि सत्ता की ड्योढ़ी कसमों-वादों से बड़ी हो गई.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)