वीडियो: वायुसेना में विंग कमांडर रहीं अनुमा आचार्य के एक गुजरात दौरे ने उन्हें भाजपा से इतना प्रभावित किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और पार्टी के लिए काम करने का फैसला कर लिया, लेकिन कुछ समय में ही उनका पार्टी से मोहभंग हो गया. अनुमा आचार्य की मोदी-फैन से मोदी-आलोचक बनने की कहानी.
मैं नरेंद्र मोदी से प्रभावित थी, गुजरात में रहते हुए मैंने अच्छी सड़कें, छोटे उद्योग देखे थे, उनकी तारीफ़ भी सुनी थी. राजनीति में जाने का सोचने के बाद मैंने भाजपा से संपर्क भी किया और पार्टी के लिए काम भी किया. लेकिन बीते कुछ सालों में हुईं कई घटनाओं ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में मेरी राय बदलकर रख दी.
ऐसे में जब देश में महिलाओं का कोई वास्तविक प्रतिनिधित्व ही नहीं बचा और सरकार में नारी शक्ति की मिसाल मानी जाने वाली तथाकथित जुझारू नेता भाजपा नेताओं या समर्थकों द्वारा किए उत्पीड़न के कई मामलों पर मुंह सिलकर बैठ चुकी हैं, तो कैसे सरकार से किसी न्याय की उम्मीद लगाई जाए?