चुनाव आयोग द्वारा अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़े जारी करने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान एक हलफ़नामा पेश करते हुए भारतीय निर्वाचन आयोग ने कहा है कि डेटा को सार्वजनिक करने से उसका दुरुपयोग हो सकता है, जिससे जनता के बीच चुनावी प्रक्रिया पर अविश्वास पैदा हो सकता है.
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब से पता चला है कि बीते 2 जनवरी से 11 जनवरी 2024 तक चले चुनावी बॉन्ड बिक्री के नवीनतम चरण में 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, 1 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के मूल्यवर्ग में बेचे गए 897 बॉन्ड में से 415 या लगभग आधे कोलकाता में बेचे गए हैं.