जुलाई 2022 से जेल में बंद रूपेश कुमार सिंह की जीवनसाथी उनके कारावास के अनुभव दर्ज कर रही हैं, साथ ही बता रही हैं कि बिहार की जेलों में क़ैदियों के साथ कितना अमानवीय बर्ताव होता है. लेकिन रूपेश की जिजीविषा बरक़रार है.
झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप में 17 जुलाई 2022 को गिरफ़्तार किया गया था. इन दो सालों में उन्होंने चार जेलों में समय बिताया है. पढ़िए उनके संघर्ष की कथा...