विपक्ष की राजनीति का केंद्र मानी जाने वाली आज़मगढ़ लोकसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव होना है. आज तक यहां से कभी जीत हासिल न करने वाली भाजपा ने इस बार अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है, वहीं सपा और बसपा भी अपनी जीत के दावे के साथ जातीय समीकरण साधने में लगे हैं.
आज़मगढ़ ज़िले के निज़ामाबाद विधानसभा क्षेत्र के कुम्हारों के बनाए नक्काशीदार काले बर्तन अपनी शानदार कारीगरी के लिए मशहूर हैं. हालांकि महंगे होते जा रहे संसाधनों और जनप्रतिनिधियों की बेरुख़ी के बीच यहां के कारीगर आजीविका कमाने के साथ-साथ इस कला को ज़िंदा रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
इलाहाबाद के दक्षिणी और पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक आबादी अधिक है जो अमूमन निर्णायक भूमिका में रहती है. यहां युवाओं से लेकर महिलाओं तक का यही कहना है कि इस बार लड़ाई इज़्ज़त से ज़िंदा रहने और भय से मुक्ति की है.