साल 2023 अब तक का सबसे गर्म साल साबित हो चुका है और मौजूदा साल के लिए भी यही आशंका जाहिर की जा रही है. ऐसे में अमेरिका, जिस पर जलवायु संकट से बचाव की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, उसकी रणनीति काफी हद तक जलवायु संकट से बचाव की दिशा तय करेगी. लेकिन जब ट्रंप दोबारा अमेरिका की बागडोर संभालने जा रहे हैं, वैश्विक प्रयासों को लेकर संदेह नज़र आ रहा है.
चीन के बढ़ता उत्सर्जन, वैश्विक व्यापार में प्रभुत्व और जलवायु वित्त में योगदान से बचने की नीति ने जलवायु विमर्श को कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है. पहले विकसित देश अमीर देशों के अन्यायपूर्ण दृष्टिकोण का सामना कर रहे थे, अब चीन का रुख़ भी इसमें शामिल हो गया है.