राजस्थान: क्या वोटरों ने ‘मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी ख़ैर नहीं’ के नारे को दोहराया है?

महज़ पांच महीने पहले राजस्थान की सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस लोकसभा चुनाव में प्रदेश की एक भी सीट नहीं जीत पाई है.

पानी की वजह से पलायन के लिए मजबूर राजस्थान के ग्रामीण

ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान के धौलपुर ज़िले के डांग क्षेत्र के गौलारी, बीलौनी और डौमई ग्राम पंचायतों के तहत आने वाले तमाम गांवों में इन दिनों पीने के पानी की भारी किल्लत बनी हुई है.

राजस्थान: क्या किरोड़ी लाल मीणा अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं?

राजस्थान में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता किरोड़ी लाल मी​णा ने 17 टिकट अपने चहेतों को दिलवाए थे, इन सभी को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार लोकसभा चुनाव में मीणा की पसंद के किसी भी प्रत्याशी को भाजपा ने टिकट नहीं दिया.

क्या मोदी-शाह और वसुंधरा राजे के बीच एक बार फिर तलवारें खिंच गई हैं?

राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में क़रीबियों को टिकट न मिलने और विरोधियों को टिकट दिए जाने से वसुंधरा राजे नाराज़ चल रही हैं.

जयपुर शहर सीटः भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों पर भारी जातीय समीकरण

राजस्थान की जयपुर शहर सीट से भाजपा ने रामचरण बोहरा को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने ज्योति खंडेलवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.

सबसे बड़े लोकतंत्र में धरना-प्रदर्शनों की आवाज़ क्यों नहीं सुनी जाती?

विशेष रिपोर्ट: राजस्थान के कई शहरों और कस्बों में कुछ प्रदर्शन ​आठ से दस वर्षों से चल रहे हैं. इस बीच भाजपा और कांग्रेस की सरकारें आईं और गईं, लेकिन किसी सरकार ने इन लोगों की शिकायतों को कभी गंभीरता से नहीं लिया.

राजस्थान के आदिवासी भील किसी भी दल की प्राथमिकता में क्यों नहीं हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले में रहने वाले आदिवासी भील समुदाय के लोग भूख, ग़रीबी, बीमारी का शिकार होकर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.

मकराना के मार्बल की चमक के बीच तबाह होती मज़दूरों की ज़िंदगी

ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान में नागौर ज़िले के मकराना की मार्बल खदानों में काम करने वाले मज़दूरों की स्थिति बहुत दयनीय है. हर दिन हज़ारों मज़दूर अपनी जान जोखिम में डालकर 250-400 फीट नीचे मार्बल की खदानों में उतरने को मजबूर हैं.

राजस्थान: सरकार ने घुमंतुओं को ज़मीन तो दी नहीं, उल्टा उनकी बस्ती उजाड़ दी

जयपुर विकास प्राधिकरण ने बीते 16 फरवरी को जयपुर के रावण गेट के पास रह रहे घुमंतू समुदाय के 200 से ज़्यादा परिवारों की झोपड़ियां अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ दीं. अब ये परिवार ठंड के दिनों में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं.

राजस्थान: समायोजन के नाम पर प्राथमिक स्कूल बंद, दो साल से बिना शिक्षा घर बैठे हैं बच्चे

राजस्थान में पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने क़रीब 20,000 प्राथमिक सरकारी स्कूलों को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मर्ज कर दिया था. इस फैसले का लगभग 10 लाख बच्चों पर असर हुआ.

क्यों भाजपा-कांग्रेस को राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी को गंभीरता से लेना चाहिए

राजस्थान विधानसभा चुनाव में डूंगरपुर ज़िले की चार में से दो सीटों पर भारतीय ट्राइबल पार्टी ने जीत हासिल की, वहीं भाजपा और कांग्रेस को सिर्फ़ एक-एक सीट मिल सकी.

क्यों राजस्थान में सिलिकोसिस के मरीज़ राजनीतिक दलों की प्राथमिकता में नहीं हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान के खदानों में काम करने वाले मज़दूर मुख्य रूप से सिलिकोसिस की चपेट में आते हैं, हर साल इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है लेकिन इसके मरीज़ों को लेकर भाजपा और कांग्रेस चिंतित नहीं दिखतीं.

क्यों राजस्थान में घुमंतू समुदाय भाजपा और कांग्रेस की चुनावी चर्चा से बाहर है

ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान की आबादी में क़रीब 55 लाख लोग घुमंतू समुदाय से आते हैं लेकिन भाजपा और कांग्रेस के पास इन्हें लेकर न कोई नीति दिखाई देती है और न ही नीयत.