दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख द्वारा दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि प्रथम स्तर की जांच (एफएलसी) पूरी होने से पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को ईवीएम के सीरियल नंबर और निर्माताओं की जानकारी विवरण उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम में मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर इन लोगों पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा देश मणिपुर की तरह जल जाएगा.
फैक्ट-चेक: मीडिया में प्रसारित की जा रही ख़बरों में कहा गया कि 'सेंगोल' के परिचय विवरण में इसे 'नेहरू की टहलने वाली छड़ी' कहा गया था. हालांकि, एक सामान्य पड़ताल में सामने आ जाता है कि यह दावा फ़र्ज़ी है.
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के काम को लेकर निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका सुनने से इनकार कर दिया हो, लेकिन द वायर द्वारा पड़ताल किए गए विपक्षी नेताओं से जुड़े मामलों में कई विसंगतियां और सवाल मिले हैं, जिनके जवाब दिए जाने की ज़रूरत है.
ईडी ने अपना दायरा बढ़ाने के लिए एजेंसी द्वारा 2020 में जारी एक सर्कुलर को सीढ़ी बनाया है, जिसका मक़सद इसकी भूमिका को परिभाषित करना था. हालांकि इससे ईडी निदेशक को कई ऐसे अधिकार मिलते हैं, जिससे वे एक तरह से ऐसे किसी भी व्यक्ति को अपने शिकंजे में ले सकते हैं, जिसमें सरकार की दिलचस्पी हो.
चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि मतगणना में वीवीपैट पर्चियों की गिनती की शुरुआत से ही ईवीएम में मतदाताओं का विश्वास हासिल किया जा सकता है. वीवीपैट प्रणाली के साथ ईवीएम मतदान प्रणाली का सटीक होना सुनिश्चित करते हैं.
विशेष रिपोर्ट: सिंगापुर की एक कंपनी गुदामी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, जो अडानी समूह का हिस्सा रही है, के ख़िलाफ़ अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में ईडी द्वारा 2014 और 2017 में चार्जशीट दायर की गई थी. इस पर घोटाले के प्रमुख आरोपी गौतम खेतान के साथ कंसल्टेंसी सर्विसेज़ के नाम पर जाली इनवॉइस बनाकर कारोबार करने का आरोप लगाया गया था.
पंजाब में हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच अवश्य होनी चाहिए, लेकिन यह प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल में उल्लंघन की पहली घटना नहीं है. पूर्व एसपीजी अधिकारियों का कहना है कि आखिरी फैसला नरेंद्र मोदी ही लेते हैं और अक्सर सुरक्षा के तय कार्यक्रमों को अंगूठा दिखा देते हैं.