पूर्वोत्तर विशेष: जातीय संघर्ष से झुलसे मणिपुर में मतदाता किसे चुनेंगे

वीडियो: मणिपुर में मई 2023 में एक रैली निकलने के बाद भड़की हिंसा अब तक पूरी तरह से शांत नहीं हुई है. हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं और शिविरों में रह रहे हैं. ऐसे में क्या यहां के आम लोग लोकसभा चुनाव के लिया तैयार भी हैं? इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

लोकसभा चुनाव से पहले यूट्यूब भ्रमित करने वाले विज्ञापनों को जगह दे रहा है: रिपोर्ट

वीडियो: डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं- एक्सेस नाउ और ग्लोबल विटनेस ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि यूट्यूब ने अपने मंच पर ऐसे विज्ञापनों को मंज़ूरी दी, जिनमें गलत सूचनाएं दी गई थीं. इस बारे में एक्सेस नाउ के रमनजीत सिंह चीमा और ग्लोबल विटनेस के हेनरी पेक से बातचीत.

पूर्वोत्तर विशेष: क्या सीएए का विरोध और सीएम का सांप्रदायिक एजेंडा असम के वोटर्स पर असर डालेगा?

वीडियो: हिमंता बिस्वा शर्मा की अगुवाई वाली असम की भाजपा सरकार पर लगातार सांप्रदायिकता बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं और लोकसभा चुनाव से पहले उनके विभिन्न बयान इसकी तस्दीक करते हैं. उधर, स्थानीय लोग सीएए के नियम अधिसूचित होने के बाद से नाराज़ है और इसके विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. वहां चुनाव में कौन-से मुद्दे प्रभावी रहेंगे, इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से बात कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

पूर्वोत्तर विशेष: क्या सिक्किम में होगी एसकेएम की वापसी, क्या है मेघालय-त्रिपुरा का हाल

वीडियो: सिक्किम में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी हैं, जहां सत्तारूढ़ एसकेएम दोबारा जीत की उम्मीद में है लेकिन विपक्षी एसडीएफ से उसे कड़ी टक्कर मिल रही है. वहीं,मेघालय और त्रिपुरा की दो-दो लोकसभा सीटों पर भी रोचक मुक़ाबला देखने को मिल रहा है. तीनों राज्यों की राजनीति पर द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

पूर्वोत्तर विशेष: किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा नगालैंड और मिज़ोरम लोकसभा चुनाव

नगालैंड और मिज़ोरम में लोकसभा की एक-एक सीट है, जिसके लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है. जहां नगालैंड में अलग राज्य की मांग प्रभावी है, वहीं मिज़ोरम में विधानसभा में करिश्मे की तरह उभरी ज़ोराम पीपल्स मूवमेंट आदिवासी समुदाय के मुद्दों की बात कर रही है. इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

पूर्वोत्तर विशेष: अरुणाचल प्रदेश का चुनाव क्या लोकतंत्र के लिए चुनौती है?

वीडियो: आगामी 19 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं. हालांकि, सीएम पेमा खांडू समेत भाजपा के दस प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके निर्वाचन क्षेत्र में उनके ख़िलाफ़ कोई नामांकन ही नहीं हुआ है और वे मतदान से पहले ही 'जीते' हुए माने जा रहे हैं. क्या ऐसा होना लोकतंत्र में जनता के उसके प्रतिनिधि चुनने के अधिकार के लिए ख़तरा है? प्रदेश की राजनीति पर द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से

क्या संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल हिंदी के लेखक भी हैं?

बीते एक अप्रैल को वरिष्ठ मलयालम लेखक सी. राधाकृष्णन ने साहित्य अकादमी के एक समारोह में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए इस्तीफ़ा दे दिया. इसके बाद अकादमी ने मेघवाल की लेखकीय उपस्थिति का बचाव किया है.

‘हमारा समाज ही नहीं चाहता है कि डोम अपना काम छोड़ें’ 

साक्षात्कार: मौत के साथ जीवन बिताने वाले वाराणसी के डोम समुदाय के लोगों पर पत्रकार राधिका अयंगर ने ‘फायर ऑन गैंजेस: लाइफ अमंग द डेड इन बनारस’ नाम की किताब लिखी है. उनका कहना है कि वे लोग भी जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं पर मुश्किलें ऐसी हैं कि उनकी ज़िंदगी अगले पहर की रोटी के संघर्ष में ही गुज़र रही है.

चौतरफा फैले मुस्लिम विरोधी ज़हर के बीच क्या सोचते हैं मुसलमान?

पिछले लगभग एक दशक से व्यवस्था और समाज के कमोबेश हर स्तर पर मुस्लिमों को अलग-थलग करने का सुनियोजित प्रयास चल रहा है. उनके ख़िलाफ़ नफ़रत और हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसे में आम मुसलमान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में ख़ुद को कहां पाता है?

कैसे भारतीय उपमहाद्वीप में रेडियो राजनीति का ज़रिया रहा है

वीडियो: भारतीय उपमहाद्वीप में रेडियो के इतिहास को इतिहासकार और कोलंबिया यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर इज़ाबेल वाकुहा एलोंसो ने 'रेडियो फॉर द मिलियंस: हिंदी-उर्दू ब्रॉडकास्टिंग अक्रॉस बॉर्डर' किताब में दर्ज किया है. उनसे इस किताब, आज़ादी से पहले और बाद की प्रसार नीतियों और उन पर श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं को लेकर बातचीत.

कीवी का कड़वा स्वाद: इटली में पंजाब के युवाओं के शोषण की कहानी

वीडियो: हर साल हज़ारों की संख्या में पंजाब के युवा बेहतर भविष्य की तलाश में अवैध तरीकों से सीमाएं पार करते हुए विदेशों में पहुंचते हैं. लेकिन अक्सर उनके सपने सच नहीं होते. द वायर ने 5 रिपोर्ट्स के ज़रिये पंजाब से इटली के कीवी फार्म्स में पहुंचने के बाद शोषण का शिकार होते युवाओं की व्यथा दर्ज की है. इससे जुड़ीं एक रिपोर्टर कुसुम अरोड़ा से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

‘इस समय मुख्यधारा में अंधभक्ति की स्थिति है, जिसमें असहमति की जगह नहीं है’

वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने बताया है कि उन्हें दिल्ली में आयोजित 'अर्थ- द कल्चर फेस्ट' की कविता संध्या में आमंत्रित किया गया था, पर आयोजकों ने राजनीतिक या सरकार की आलोचना करने वाली कविताएं पढ़ने से मना किया. उन्होंने कहा, 'हम असहमत लोग हैं, हमें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप हमें जगह देते हैं या नहीं.'

क्या आईसीएचआर के ज़रिये मोदी सरकार नए इतिहास का आविष्कार कर रही है?

भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) द्वारा बीते महीने मध्यकालीन भारत के राजवंशों पर आयोजित प्रदर्शनी में किसी भी मुस्लिम शासक को जगह नहीं दी गई. इसे इतिहास की अवहेलना बताते हुए जानकारों ने परिषद के इरादों पर सवाल खड़े किए हैं.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: हिमंता बिस्वा सरकार के सौ दिन और ‘नए असम’ का वादा

वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम में हिमंता बिस्वा शर्मा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के सौ दिनों और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के अरुणाचल प्रदेश से चकमा और हाजोंग समुदाय को हटाने संबंधी बयान पर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

पूर्व उग्रवादी की मौत पर मेघालय में क्यों मचा बवाल?

वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन हैनियोट्रैप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व महासचिव चेस्टरफील्ड थांगखियु की कथित मुठभेड़ में मौत के बाद शिलॉन्ग में भड़की हिंसा, असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 और असम-मिज़ोरम सीमा पर दोबारा हुई गोलीबारी को लेकर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

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