धरनास्थल पर पुलिस कार्रवाई के बाद डीयू की पूर्व शिक्षक बोलीं- मुझे रोहित वेमुला बनने मत दीजिए

डीयू के दौलतराम कॉलेज की एक एडहॉक शिक्षक डॉक्टर ऋतु सिंह को अगस्त 2020 में अचानक नौकरी से निकाल दिया गया था. उनका दावा है कि इसकी वजह जातिगत भेदभाव है, जिसे लेकर वे कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय के ख़िलाफ़ अगस्त 2023 से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.

‘जेएनयू प्रशासन चाहता है कि उसके ग़लत फैसलों का विरोध न हो, वे जैसे चाहें यूनिवर्सिटी चलाएं’

बीते महीने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने नए नियमों में कैंपस के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के पास धरना देने, विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर 20,000 रुपये के जुर्माने, कैंपस से निष्कासन की बात कही थी. 23 दिसंबर को इसके विरोध में छात्रों ने परिसर में मशाल मार्च निकाला.

‘15 दिसंबर जामिया के लिए ऐसा दाग़ है जो कभी मिटाया नहीं जा सकता’

15 दिसंबर 2019 को दिल्ली पुलिस ने सीएए विरोधी प्रदर्शन में पत्थरबाज़ी का हवाला देते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया के कैंपस और लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों को पीटा था. इस हिंसा के चार साल पूरे होने पर जामिया के छात्र-छात्राओं ने 'जामिया प्रतिरोध दिवस' मनाते हुए परिसर में मार्च निकाला.

अस्थायी शिक्षकों को बर्ख़ास्त किए जाने पर क्या सोचते हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र

बीते दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों से विभिन्न विभागों के ऐसे एडहॉक शिक्षकों को हटाने की घटनाएं सामने आई हैं, जो एक दशक से अधिक समय से सेवाएं दे रहे थे.