अगम बहै दरियाव: जीवन की साधारणता का आख्यान

पुस्तक-समीक्षा: शिवमूर्ति के 'अगम बहै दरियाव' को आंचलिक उपन्यास के खांचे में रखकर देखना उसे न्यून करना होगा. इसे एक सामाजिक-राजनीतिक समझ पैदा करने वाला संवेदनशील उपन्यास माना जाना चाहिए, जिसे इसके नायकों- किसानों और मजदूरों, दलित-पिछड़ों-स्त्रियों- के त्रासद संघर्ष के रूप में पिरोकर बयां किया गया है.