निर्मम बलात्कार या यौन अपराधों के कई मामलों में अपराधी का पॉर्न देखने का आदी होना बड़ी वजह बनकर सामने आया है. पॉर्न देखने के मामले में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है, जिसमें 48% दर्शक युवा है. ऐसे में ज़रूरी है कि किशोर होते बच्चों को स्कूलों और सामुदायिक स्तर पर 'पॉर्न की सच्चाई’ को लेकर शिक्षित किया जाए.