चुनाव आयोग भी अब मोहल्ले की राजनीति में इस्तेमाल होने लगा है

केजरीवाल अगर आदर्श की राजनीति कर रहे हैं, इसलिए उन्हें 21 विधायकों को संसदीय सचिव नहीं बनाना चाहिए था. तो क्या फिर बाकी मुख्यमंत्री लालच देने के लिए संसदीय सचिव का पद बांट रहे हैं?

नौकरियों के घटते और बदलते अवसरों पर चर्चा कीजिए

डिजिटल युग में नौकरी दो स्तर पर होगी. उच्चतम कौशल वाली और निम्नतम मज़ूदरी वाली. बहुत से दफ्तरों में सर छिपा कर काम करने वाले बीच के काबिल लोग ग़ायब हो जाएंगे. बल्कि हो भी रहे हैं.

पाकिस्तान से इतनी ही नफ़रत है तो शपथ ग्रहण में नवाज़ शरीफ़ को कौन बुलाया था?

मुसलमान का डर दिखा कर हिंदू नौजवानों को बर्बाद किया जा रहा है. उनसे कहा जा रहा है कि रोज़गार मत पूछो, पढ़ाई, अस्पताल मत पूछो, बस देखो कोई मुसलमान मुख्यमंत्री न बन जाए.

प्रधानमंत्री का काम यह नहीं कि फेंके गए कीचड़ को उठाकर दूसरे पर फेंक दें

वाजिब तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिशंकर अय्यर के बयान की आलोचना करने का हक़ है मगर औरंगजेब राज मुबारक कहकर वो भी अय्यर के स्तर पर आ गए.

बैंकों ने पिछले छह महीने में 55,356 करोड़ रुपये का कर्ज़ माफ़ किया

पिछले नौ साल में बैंकों ने 2 लाख 28 हज़ार रुपये का लोन माफ़ कर दिया है. क्या इससे अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क पड़ा, सिर्फ़ किसानों के समय फ़र्क पड़ता है.

गुजरात में वे 50 लाख घर कहां बने जिनका नरेंद्र मोदी ने वादा किया था?

मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि ग़रीबों के लिए 50 लाख घर बना कर देंगे. क्या इस चुनाव में वे इस वादे की बात करेंगे?

क्या कोर्ट को भी एफआईआर के लिए सरकार से पूछना होगा?

राजस्थान में वसुंधरा सरकार सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में एक ऐसा विधेयक लाने जा रही है जो सांसद, विधायक, जज और अफसरों को कानूनी कार्रवाई से कवच प्रदान करेगी.

मानहानि-मानहानि, घोघो रानी, कितना पानी

क्या अंग्रेज़ी अख़बारों में छपी ख़बरों का हिंदी में अनुवाद करने पर भी मानहानि हो जाती है? अनुवाद की ख़बरों या पोस्ट से मानहानि का रेट कैसे तय होता है, शेयर करने वालों या शेयर किए गए पोस्ट पर लाइक करने वालों पर मानहानि का रेट कैसे तय होता है?

प्रधानमंत्री जी! क्या मेरी जान को ख़तरा है: रवीश कुमार

पीएम को लिखे पत्र में रवीश ने कहा, ‘दुख की बात है कि अभद्र भाषा और धमकी देने वाले कुछ लोगों को आप ट्विटर पर फॉलो करते हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि धमकाने, गाली देने और घोर सांप्रदायिक बातें करने को आप फॉलो करने की योग्यता नहीं मानते होंगे.’

वाइस चांसलरों का भरोसा पुलिस और तोप पर बढ़ता जा रहा है…

बीएचयू में लाठीचार्ज शर्मनाक है. क्या वीसी ये बताना चाहते हैं कि लड़कियों का कोई हक़ नहीं इस लोकतंत्र में? लड़कियों से कहा गया कि तुम रेप कराने के लिए रात में बाहर जाती हो.

जीएसटी की मार से व्यापारी बेहाल

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार बता रहे हैं कि टैक्स वसूलने को लेकर सरकार और व्यापारियों के बीच एक तरह की जंग चल रही है. व्यापारी डर के मारे बोल नहीं पा रहे हैं. कैमरा आॅन होता है तो तारीफ करने लगते हैं.

अबकी बार, इवेंट सरकार

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार लिखते हैं,‘ये इवेंट सरकार है. आपको इवेंट चाहिए इवेंट मिलेगा. किसी भी चीज़ को मेक इन इंडिया से जोड़ देने का फन सबमें आ गया जबकि मेक इन इंडिया के बाद भी मैन्यूफैक्चरिंग का अब तक का सबसे ख़राब रिकॉर्ड है.’ ​​​​​​​​